ओम नाम आलोक | Namvar Singh, Om Puri & Aalok Shrivastav


21 नवंबर 2014 को दिल्ली में हिन्दी अकादमी द्वारा 'त्रिवेणी सभागार' में आयोजित एकल-ग़ज़ल पाठ की सफलता भरी मुस्कान से महकते आलोक श्रीवास्तव,साथ  में ओम पुरी (बांये) व प्रो० नामवर सिंह (दांये). 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

काली-पीली सरसों | ज्योति श्रीवास्तव की हिंदी कहानी | Shabdankan
बारहमासा | लोक जीवन और ऋतु गीतों की कविताएं – डॉ. सोनी पाण्डेय
चित्तकोबरा क्या है? पढ़िए मृदुला गर्ग के उपन्यास का अंश - कुछ क्षण अँधेरा और पल सकता है | Chitkobra Upanyas - Mridula Garg
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
 प्रेमचंद के फटे जूते — हरिशंकर परसाई Premchand ke phate joote hindi premchand ki kahani
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
चतुर्भुज स्थान की सबसे सुंदर और महंगी बाई आई है
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025