श्री नरेंद्र मोदीजी की इज्ज़त बढ़ गई...



इतना बुरा सिला

श्री नरेंद्र मोदी जी की इज्ज़त बढ़ गई होती अगर,

वह काशी में हुए हादसे के तुरंत बाद बनारस जाने की तत्परता दिखाते और जाने की तैयारी कर लेते जिससे कि वहाँ पर हुई मौतों और घायलों के परिवार को थोड़ा बल मिल पाता, विपरीत इसके कि वह भाजपा मुख्यालय में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित बैठ कर कर्नाटक में मिली शिकस्त को बर्दाश्त न कर पाने की हालत में विधायकों की हेराफेरी करने की प्लानिंग करते और जोड़-तोड़ की राजनीति में अपनी रुचि दिखाते।


बता दूं आपको, नवम्बर 2017 में गुजरात चुनाव कैंपेन के दौरान NTPC में एक बड़ा धमाका हुआ, जिसमे कई जानें गईं! और कांग्रेस उपाध्यक्ष (अब अध्यक्ष) श्री राहुल गांधी, प्रचार प्रसार छोड़ कर तत्काल प्रभाव से रायबरेली पहुंचे और पीड़ित परिवारों से उनके दुख साझा किया। तथा समस्त कांग्रेस जनों का आह्वान कर पीड़ितों की मदद करने का संकल्प भी कराया। क्योंकि आपको पता होगा रायबरेली से उनकी माँ श्रीमती सोनिया गांधी जी सांसद हैं, औऱ अस्वस्थ होने के कारण वह घटनास्थल पर पहुँच ना सकीं। रायबरेली का स्नेह गांधी परिवार से हमेशा से रहा है और वह उसकी ज़िम्मेदारी बखूबी से निभाते हैं।



मैं प्रधानमंत्री मोदी से यह गुज़ारिश इसलिए भी कर रहा था क्योंकि, वाराणसी उनका लोकसभा क्षेत्र है और वह वहां से इस तरह से पीठ दिखा कर नहीं भाग सकते, क्योंकि जनता का उनपर विश्वास था तभी उन्हें लोकसभा में 3,50,000+ वोटों से जीता कर भेजने का काम बनारस वासियों ने किया।

आशा करता हूँ कि भविष्य में जिस भी किसी लोकसभा से मोदी जी चुनाव लड़ेंगे, इतना बुरा सिला नहीं देंगे।

मोदीजी को इस हादसे से एक सीख ले लेने की ज़रूरत है, कभी भी किसी हादसे पर फ़िरकी लेने की अपनी आदत और अन्य-सरकार को कोसने की आदत को खत्म कर देना चाहिए, जैसाकि बंगाल में पुल गिरने के बाद मोदीजी अपने चुनावी रैली में कहते नज़र आए कि यह "Act Of God" नहीं भईया यह "Act Of Fraud" है। 65 साल कई दल के नेताओं ने देश को चलाया, पर ऐसा स्तर देश के किसी अन्य मुखिया का नहीं रहा...उनसे कुछ सीख लें।

हमें ‘स्वच्छ’ नहीं ‘सच’ भारत की आवश्यकता ज्यादा है।

ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि  हादसे में शिकार हुए लोगों के परिवार को दुःख सहने की हिम्मत प्रदान करें।

जय हिन्द

सौरभ राय
सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता
अभियंता, एरिक्सन ग्लोबल लिमिटेड
मोबाईल: +91-9958838655
ईमेल: saurabh.leo100@gmail.com
(ये लेखक के अपने विचार हैं।)
००००००००००००००००

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन रस्किन बांड और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

    जवाब देंहटाएं

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story: कोई रिश्ता ना होगा तब — नीलिमा शर्मा की कहानी
विडियो में कविता: कौन जो बतलाये सच  — गिरधर राठी
इरफ़ान ख़ान, गहरी आंखों और समंदर-सी प्रतिभा वाला कलाकार  — यूनुस ख़ान
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
परिन्दों का लौटना: उर्मिला शिरीष की भावुक प्रेम कहानी 2025
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل
रेणु हुसैन की 5 गज़लें और परिचय: प्रेम और संवेदना की शायरी | Shabdankan
एक पेड़ की मौत: अलका सरावगी की हिंदी कहानी | 2025 पर्यावरण चेतना
द ग्रेट कंचना सर्कस: मृदुला गर्ग की भूमिका - विश्वास पाटील की साहसिक कथा