“पांच मिनट का इन्तज़ार तुमको इतना लम्बा लगा? यहां तो एक ज़िन्दगी ही निकल गई! ” टेलिफ़ोन की घन्टी फिर बज रही है। अवतार सिंह टेलिफ़ोन की…
आगे पढ़ें »16 जनवरी की शाम एक खूबसूरत शाम थी, इसे खूबसूरत बनाया सुश्री ज़किया ज़ुबेरी जी , श्री तेजेंद्र शर्मा जी और साहित्य अकादमी , नई दिल्ली ने और…
आगे पढ़ें »सूखे पत्ते हरे-हरे पत्ते जिनसे सजती है टहनियाँ फिर ये ही पत्ते सूखकर टूटकर बिखर जाते हैं टूटे पत्तों का गिरना धरा पर है मात्र एक प्रक्र…
आगे पढ़ें »नई दिल्ली 17 जनवरी। हरियाणा साहित्य अकादमी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए सूचना दी है कि अकादमी का अगला विशेष साहित्य सेवी सम्मान ब्रिटेन…
आगे पढ़ें »“ इस कहानी के तमाम पात्र वास्तविक है। इनका कल्पना से कोई लेना‒देना नहीं है। अगर कोई इस कहानी में कोई खुद को ढूंढ ले तो वह संयोग नहीं होगा। ” …
आगे पढ़ें »“ इस कहानी के तमाम पात्र वास्तविक है। इनका कल्पना से कोई लेना‒देना नहीं है। अगर कोई इस कहानी में कोई खुद को ढूंढ ले तो वह संयोग नहीं होगा। ” :…
आगे पढ़ें »इन दिनों नेट पर, पत्र-पत्रिकाओं में लोग भावविह्वलता में दिल्ली में नृशंसता की शिकार हुई दामिनी के नाम पर कविताएँ लिख रहे हैं, गीत, छन्द, मुक…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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