ये वो समय है - जब ‘सच’ से सरोकार रखने वाली तक़रीबन हर बात और खबर आदि छुपा दी गयी है, अभिव्यक्ति एक ऐसे दौर से गुज़र रही है, जिसके बुरा होने और इसे जा…
आगे पढ़ें »मलबे की मालकिन तेजेन्द्र शर्मा समीर ने यह क्या कह दिया! एक ज़लज़ला, एक तूफ़ान मेरे दिलो दिमाग़ को लस्त-पस्त कर गया है. मेरे पूरे जीवन की तपस्या…
आगे पढ़ें »मेढक का मुँह (लातिनी अमेरिकी कहानी) इज़ाबेल अलेंदे अनुवाद : सुशांत सुप्रिय अंधा मुर्ग़ा' नामक खेल में खिलाड़ियों को अपनी पतलून…
आगे पढ़ें »दीवार में रास्ता तेजेन्द्र शर्मा छोटी जान आज़मगढ़ आ रही हैं। मोहसिन को महसूस हुआ कि अब दीवार में रास्ता बनाना संभव हो सकता है। …
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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