विपश्यना — सत्येंद्र प्रताप सिंह — संस्मरण: पार्ट 2 आप भी गजब ही ढा रहे हैं। क्या झमाझम माहौल है। नयनाभिराम। आप हैं कि इनको फैक्टरी का मजद…
आगे पढ़ें »पाठक जब एकदम से लेखक के लिए चिंतित हो, और अपनी चिंता को संपादक के ज़रिये लेखक तक पहुंचाए, तब वह सिर्फ अपने लेखक से ही मुखातिब नहीं होता, वह उन स…
आगे पढ़ें »विपश्यना — सत्येंद्र प्रताप सिंह — संस्मरण हम दुखी इसलिए हैं क्योंकि हम सुखद और दुखद संवेदनाओं के प्रति जाने बगैर प्रतिक्रिया देते हैं। वि…
आगे पढ़ें »आशा भोसले - नायिका से नर्तकी... — तेजेन्द्र शर्मा हिन्दी सिनेमा के गीतों का सुनहरी काल 1949-1975 माना जाता है। इस काल में नौशाद, शंकर ज…
आगे पढ़ें »(आज के नवोदय टाइम्स में प्रकाशित) http://epaper.navodayatimes.in/1349119/The-Navodaya-Times-Main/Navodaya-Times-Main#page/8/2 ‘मौश…
आगे पढ़ें »सबसे ज्यादा चिंताजनक इनके वो बेकाबू समर्थक हैं, जिनपर मैं नहीं बता सकता बीजेपी और उसकी सहयोगी संस्थाओं का काबू है या नहीं। — अभिसार शर्मा …
आगे पढ़ें »ये रात बहुत लम्बी है — अभिसार शर्मा मैं अभी भी उम्मीद करता हूँ, ईश्वर करे, गौरीलंकेश की हत्या का कारण, किसी निजी रंजिश का मामला निकल कर …
आगे पढ़ें »गिरिजा देवी जी के साथ तानपुरे पर शोभा चौधरी (बांये) रीता देवो (दांये) और देव प्रिया गिरजादेवी जी की सलाह - भरत तिवारी शा…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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