चोका - 1
तुम्हारी यादकी ओस में भीगी मैं
या बादलों का
पसीना भिगो गया
रही मैं प्यासी
तू बन जा नदिया
हुई मैं रेत
तेरा दिल फिसला
हूँ हवा नहीं
खुशबू हूँ तेरी मैं
न कोई खौफ
न डर ज़हर का
तू इश्क मेरा
अनारकली हूँ मैं
तू कृष्ण मेरा
तेरी ही राधा हूँ मैं
जन्मों की गाथा हूँ मैं
चोका -2
रिश्ते अजीबकभी इश्क अजीब
न पूरे कैद
हो पाये हैं, और न
पूरे आज़ाद
खिलखिलाते हुए
रो दिये रिश्ते
देख उम्र छोटी पे
कभी उम्र ही
रो दी छोटे रिश्तों पे
दुखी है हवा
दर्द बेबाक बहा
फफक पड़ी
खुद पर लोरियाँ
हंस रही दूरियाँ
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