राजेन्द्र यादव का साहित्यिक परिवेश से अचानक चले जाना-एक युग के अंत जैसा है

एक युग का अंत 


''डॉ राजेन्द्र यादव का साहित्यिक परिवेश से अचानक चले जाना-एक युग के अंत जैसा है, इस अभाव की पूर्ति नहीं जा सकती''
उपरोत पंक्तियाँ आदित्यपुर साहित्यकार संघ के अध्यक्ष डॉ बच्चन पाठक 'सलिल’ ने कहीं। इस अवसर पर उपस्थित डॉ जूही समर्पित, पद्मा मिश्रा, डॉ मनोज पाठक, सिद्धिनाथ दुबे, गजेन्द्र वर्मा मोहन जी, रविकांत मिश्रा, हरे राम 'हंस', श्यामलाल पाण्डेय, दयानाथ उपाध्याय आदि साहित्यकारों ने भी श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए उन्हें हिदी साहित्य के गौरव के रूप में याद किया, हंस के कुशल सम्पादक राजेन्द्र यादव ने अविराम गति से अपने साहित्यिक सफर में अनेक नवोदित सहितीकारों को आगे बढ़ने का पुनीत कार्य भी किया। उनकी सेवाएं युग समरणीय रहेंगी। शिखर पुरुष को शत शत नमन।

सहयोग ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि 


वरिष्ठ सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं ''हंस 'के सम्पादक राजेन्द्र यादव जी के निधन पर नगर की बहुभाषीय साहित्यिक संस्था सहयोग ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इसे एक अपूरणीय क्षति बताया है। राजेन्द्र यादव जी का हिंदी साहित्य के विकास और हंस पत्रिका के संयोजन एवं परिवर्धन में विशिष्ट योगदान रहा है। चौरासी वर्ष की वृद्धावस्था में भी उनका अध्ययन, लेखन व नई युवा पीढ़ी को प्रोत्साहन दे कर आगे बढ़ाने का जूनून कम नहीं हुआ था। डॉ जूही समर्पिता ने उन्हें साहित्य के लिए समर्पित व्यक्तित्व की संज्ञा देते हुए एक युग का अवसान बताया है। इस घटना से सभी सदस्य साहित्यकार मर्माहत हैं सुधा गोयल, विद्या तिवारी, आनन्दबाला शर्मा, पद्मा मिश्रा, गीता दुबे, माधुरी, रेनू बाला, इंदिरा तिवारी ने अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है,

जमशेदपुर, टाटा नगर (झारखंड) से पद्मा मिश्रा की रिपोर्ट

nmrk5136

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
मन्नू भंडारी की कहानी — 'रानी माँ का चबूतरा' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Rani Maa ka Chabutra'
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
मन्नू भंडारी: कहानी - एक कहानी यह भी (आत्मकथ्य)  Manu Bhandari - Hindi Kahani - Atmakathy
मन्नू भंडारी की कहानी  — 'नई नौकरी' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Nayi Naukri' मन्नू भंडारी जी का जाना हिन्दी और उसके साहित्य के उपन्यास-जगत, कहानी-संसार का विराट नुकसान है
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل
सांता क्लाज हमें माफ कर दो — सच्चिदानंद जोशी #कहानी | Santa Claus hame maaf kar do
मन्नू भंडारी, कभी न होगा उनका अंत — ममता कालिया | Mamta Kalia Remembers Manu Bhandari