प्रधानमंत्री मोदी की भारी भूल - ओम थानवी

रूसी हमारे प्रधानमंत्री के सम्मान में राष्ट्रगान पेश कर रहे थे, मोदी जन-गण-मन की धुन ही नहीं पहचान पाए और आगे चल पड़े। उन्हें बांह पकड़ कर रोका गया। उनकी फजीहत हुई और देश की भी। लेकिन शायद ही कोई कहेगा कि उनकी मंशा राष्ट्र का अपमान करने की रही होगी। 



प्रधानमंत्री मोदी की भारी भूल - ओम थानवी #शब्दांकन


इस हादसे से सही,क्या राष्ट्रभक्ति के अतिरेक में उपराष्ट्रपति से लेकर आम भारतीय नागरिकों को संदेह के घेरे में धकेलने, उन्हें राष्ट्र-प्रेम-हीन घोषित करने वाले अब सोचेंगे कि गलती देश के प्रधानमंत्री से भी हो सकती है, वह भी पराई धरती पर?

प्रधानमंत्री मोदी की भारी भूल - ओम थानवी #शब्दांकनउपराष्ट्रपति वाला विवाद तो नितांत फरजी था। गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति को सलामी लेनी थी, उपराष्ट्रपति को नहीं। भक्तों ने सोशल मीडिया पर उपराष्ट्रपति को घसीट कर उन्हें अपमानित करने की भरसक कोशिश की। लेकिन ऐसे दर्जनों और वाकये पेश आए हैं, जब कोई राष्ट्रगान के वक्त सजग नहीं रहा, अनजाने तिरंगे की उपेक्षा कर बैठा तो उसकी शान ले ली गई, देशद्रोही तक करार दे दिया गया। पिछले ही महीने मुंबई के सिनेमाघर में महाराष्ट्र सरकार द्वारा फिर से थोपी गई राष्ट्रगान प्रथा के वक्त बैठे रह गए दर्शकों के खिलाफ न सिर्फ बखेड़ा किया गया, उन्हें हॉल से बाहर खदेड़ कर 'राष्ट्र्प्रेमियों' ने इतमीनान से फिल्म देखी। इसका कोई प्रमाण नहीं है कि जो राष्ट्रगान के वक्त बैठे रहे वे देशप्रेमी नहीं थे या बाकी सब लोग थे। 


क्या उम्मीद करें कि असहिष्णुता के दौर में प्रधानमंत्री ने यह भारी भूल कर कम-से-कम अपने भक्तों को सन्देश दिया होगा कि राष्ट्रप्रेम के नाम पर असहिष्णुता और अपमान के सिलसिले पर फिर से सोचें, मौके-बेमौके अपने ही नागरिक बंधुओं के खिलाफ आसमान सर पर उठाने और नीचा या राष्ट्रद्रोही साबित करने के उपक्रम न करें?

(ओम थानवी की फेसबुक वाल से)

००००००००००००००००

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story: कोई रिश्ता ना होगा तब — नीलिमा शर्मा की कहानी
विडियो में कविता: कौन जो बतलाये सच  — गिरधर राठी
इरफ़ान ख़ान, गहरी आंखों और समंदर-सी प्रतिभा वाला कलाकार  — यूनुस ख़ान
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
परिन्दों का लौटना: उर्मिला शिरीष की भावुक प्रेम कहानी 2025
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل
रेणु हुसैन की 5 गज़लें और परिचय: प्रेम और संवेदना की शायरी | Shabdankan
एक पेड़ की मौत: अलका सरावगी की हिंदी कहानी | 2025 पर्यावरण चेतना
द ग्रेट कंचना सर्कस: मृदुला गर्ग की भूमिका - विश्वास पाटील की साहसिक कथा