मेरे पास कसाब है ?— अभिसार शर्मा #AmitShahKaKasab @abhisar_sharma



अमित शाह का कसाब ? 

कसाब? वो आपके राजनीतिक विरोधी हैं, देश विरोधी नहीं! कितनी नफरत अमित शाह साहेब?

कोई हद है इसकी? कि आपने कांग्रेस, सपा और बसपा को एक आतंकवादी बता दिया? आपको क्या ऐसे ही प्रतीक मिलते हैं? या फिर ये "भी" एक जुमला है? जिसके लिए आप काफी मशहूर होते जा रहे हैं. कसाब एक आतंकवादी था, वो शख्स जिसने कई बेगुनाहों को मौत के घाट उतारा. यूपी मे जीत कर आपको आख़िर ऐसा क्या मिलने वाला है? इस बेशर्मी से ये नफरत क्यों परोसी जा रही है? अफसोस ये है कि ये नफरत शीर्षस्थ बीजेपी नेताओं से आ रही है. मोदीजी ने श्मशान-कब्रिस्तान वाला बयान बहुत सोच समझ कर दिया था. वो बखूबी जानते थे कि मीडिया और उनके विरोधी बयान का कौन सा हिस्सा उठाएंगे. वो जानते थे कि यूपी चुनावों मे ध्रुवीकरण का तड़का लग जाए, तो सोने पर सुहागा होगा और यकीनन इसके प्रसार मे विपक्ष और मीडिया दोनों से मदद मिली है. आप ऐसे संवाद को स्थापित करके क्या साबित करना चाहते हो. किस यूपी की बात कर रहे हैं आप?



 तारिक फतह जो भगवा ब्रिगेड की आईटम गर्ल हैं. मैं इनकी मौजूदगी और औचित्य को ही समझ नही पा रहा हूं.  — अभिसार शर्मा

अमित शाह इतने उत्तेजित क्यों दिखाई देते हैं? एक पत्रकार के सवाल के जवाब मे उन्होंने यह तक बोल दिया कि ये कचरा कहां से लाए हो? कचरा? और आपका कसाब वाला बयान, गंगा जल है क्या? मुझे चिंता इस बात की है कि अलग-अलग ऐजेंसियों , लोगों के ज़रिए इस तरह की नफरत और दोहराव का प्रसार किया जा रहा है. गौर कीजिए, तारिक फतह जो भगवा ब्रिगेड की आईटम गर्ल हैं. मैं इनकी मौजूदगी और औचित्य को ही समझ नही पा रहा हूं. हिन्दुस्तानी मुसलमानों को तैमूर की औलाद कहना. बार बार मुसलमानों के बारे में भारत के उदारवादी बुद्धिजीवियों के बारे मे वाहियात बातें करना, आखिर किस एजेंडा का हिस्सा है? हाल मे कांग्रेस नेता शहज़ाद पूनावाला से उनका टकराव देखा. टीवी शो के दौरान या ब्रेक मे अपशब्द, हिंसा की धमकी, ये सब करने की आज़ादी आख़िर तारिक फ़तेह को किसने दी है? वो शख़्स जो यहां वीज़ा पर है, कैसे इतनी नफरत फैला सकता है और किसकी शह पर?

पत्रकार रवीश कुमार पर उनके भाई के बहाने हमला इसी कड़ी का हिस्सा है

नफरत का ये काकटेल अब लगभग हर मोर्चे पर घोला जा रहा है. जो आपसे इत्तफाक न रखे, उसे धमकाओ और ये तब तक करते रहो जब तक कि वो खामोश न हो जाए.
बीजेपी के नेता जब गुजरात मे सेक्स रैकट मे पकड़े जाते हैं या आईएसआई के ऐजेंट, मुख्यमत्री शिवराज चौहान के साथ फोटो खिंचवाते हैं, तब आपका तर्क कहां जाता है
पत्रकार रवीश कुमार पर उनके भाई के बहाने हमला इसी कड़ी का हिस्सा है. मामले की गहराइयों पर नहीं जाना चाहूंगा, ओम थानवी इस पर लिख चुके हैं, आप पड़ सकते हैं. मगर रवीश पर हमला क्यों भाई. और ये योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है. चाटुकार पत्रकारों की तो समझ आती है, मगर जब बीजेपी के सोशल मीडिया विंग के प्रमुख अमित मालवीय इसकी अगवाई करते हैं, तब समझ आता है कि मामला कितना संगीन है. गौर कीजिए इस बेशर्मी पर, मालवीय के इस ट्वीट पर. Heady mix? यानि घातक मेल? बीजेपी के नेता जब गुजरात मे सेक्स रैकट मे पकड़े जाते हैं या आईएसआई के ऐजेंट, मुख्यमत्री शिवराज चौहान के साथ फोटो खिंचवाते हैं, तब आपका तर्क कहां जाता है और क्या उसे भी यहां लागू किया जाए?



जो भाई पर आरोप है, उसका खामियाजा भाई भुगते? इतनी कायर है तुम्हारी सियासत? तुम एक ऐसी पार्टी के सोशल मीडिया विंग के प्रमुख हो, जिसके समर्थक सबसे अभद्र , सबसे बदतमीज माने जाते हैं. सुबूत की ज़रूरत भी तुम्हें नहीं. अक्सर सोचता हूं, अपने परिवार की महिलाओं के सामने क्या आचरण रहता होगा इन महानुभावों का. क्या इस गंदगी की नुमाइंदगी या प्रसार मंजूर होगा उन्हें?

यानि माध्यम तो स्पष्ट हैं. सबसे बड़े नेताओं से जो कारवां शुरू होता है, वो तारिक फतह, अमित मालवीय से होकर इनको लाखों समर्थकों तक जा पहुंचता है. ऐसे मे देश के सभ्य समाज को तय करना होगा कि इस नफरत मे रहकर हम किस सुख का अहसास कर रहे हैं. दूसरों को गाली देकर, प्रौपगैंडा करके खुश तो तुम भी नही रह पाओगे? इस हिक़ारत, नफरत मे जीना क्यों मंज़ूर है तुम्हे?

ऐसे मे जानना ज़रूरी है कि आखिर सियासत के कसाब कौन हैं? इस देश मे कौन कसाब को फिर ज़िंदा कर रहा है? किसका आदर्श है कसाब? कौन कसाब से सबसे ज्यादा प्रेरित दिख रहा है? अगर अब भी जवाब चाहिए, तो गर्दन दफ्न रखो अपनी उदासीनता की रेत मे. याद रखना खतरा फिर भी नहीं टलेगा.


Abhisar Sharma
Journalist , ABP News, Author, A hundred lives for you, Edge of the machete and Eye of the Predator. Winner of the Ramnath Goenka Indian Express award.

(ये लेखक के अपने विचार हैं।)
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