मोदीजी के #3साल_शासनकाल पर साध्वी खोसला का बधाई पत्र #SadhaviKhosla



An Open Letter to ‘Our’ Prime Minister, Narendra Modi

Sadhavi Khosla

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुला ख़त ― साध्वी खोसला /  अनुवादक : भरत तिवारी

An Open Letter to ‘Our’ Prime Minister, Narendra Modi Sadhavi Khosla

डिअर प्राइम मिनिस्टर मोदीजी,

सबसे पहले देश पर 3 साल से शासन करने के लिए बधाई।

मैं आपको बताना चाहूंगी कि मैं उन 32 प्रतिशत मतदाताओं में से एक थी, जिसने आपके अच्छे दिन लाने के वादे पर विश्वास किया था और 2014 के चुनावों में बीजेपी को वोट दिया था।

और हां मैं आज भी उन वादों पर भरोसा रखती हूं और इंतजार कर रही हूं उन 15 लाख रुपयों के बैंक खाते में आने का, जिसका वादा आपने देश के हर इंसान से उस इलेक्शन के पहले किया था।  याद है?

वह पैसे तो नहीं आए हां बीजेपी सत्ता में जरूर आ गई।

ये अकेली चीज नहीं है जिसका  देशवासी इंतजार कर रहे हैं।

वादों का क्या ?


हमें क्या पता था कि NDA भी सत्ता में आने के बाद अन्य पार्टियों की तरह वादे तो बड़े-बड़े करेगी लेकिन सब को भूल जाएगी, केंद्र में आपको आए 3 साल हो गए और हमें यह मिला है -

कीमत पेट्रोल की


उस समय 26 मई 2014 को जब आप की पार्टी सत्ता में आई, भारत को 1 बैरल कच्चा तेल 108.052 $ पड़ता था अब 3 साल बाद 16 मई 2017 को वही 1 बैरल 51.12 डॉलर का है यानी दामों में 50% से ज्यादा की कमी, लेकिन क्या इस कमी ने तेल की कीमत को देश में कम किया है? इसका फायदा देश वासियों को मिला है? नहीं!

25 जून 2014 को राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 71 रुपए 56 पैसे थी और अब 16 मई 2017 को 65 रूपय 53 पैसे...यानि नागरिकों को 2014 के बाद से 10% का भी फायदा नहीं मिला।  कमाल है BJP सरकार, कमाल है!

मोदी जी आपको अपनी यह ट्वीट याद है जो आपने तब की थी जब केंद्र में यूपीए सरकार थी?


उस समय गुजरात पर पेट्रोल की बढ़ी कीमतों से पड़ने वाले बोझ को लेकर आप बहुत परेशान दिखते थे।  मैं सोचती हूं कि आज आप पूरे देश के लिए वैसे ही परेशान हैं जैसे 2012 में गुजरात के लिए थे। आप है नहीं मैं बस सोच रही हूँ!

मुद्रास्फीति 


मोदीजी आप कीमतों के बढ़ने के धुर विरोधी होने के बावजूद भी हमें धोखा देते हैं और अपने शासनकाल में खानपान की चीजों के दामों को बढ़ने देते हैं।

उदाहरण के लिए अरहर की दाल 2014 की फरवरी में 75 रुपए किलो थी, अक्टूबर 2015 में इसकी कीमत ₹180 किलो हो गई आज वही दाल 85 से लेकर 110 रुपए की बिक रही है।

कुछ जमी नहीं बात।

अभी अच्छे दिनों का इंतजार हो रहा है




रुपए की कीमत 


मोदी जी एक समय था जब मैं आपकी बहुत बड़ी प्रशंसक थी और यूपीए सरकार के समय में, एक प्रशंसक होने के नाते, बहुत सारी ट्वीट पसंद कि उनमें से मेरी एक पसंदीदा ट्वीट यह वाली भी है जिसमें आपने यूपीए सरकार की तुलना रुपए से की है

UPA Government and the Rupee seem to be in a competition with each other on who will tumble down more
UPA Government and the Rupee seem to be in a competition with each other on who will tumble down more


यह ट्वीट आपने 2013 में की थी।  उसी समय एनडीए सरकार बनी थी और रुपए की कीमत 26 मई 2014 को 58.59$ से बढ़कर फरवरी 2016 में अपने उच्चतम स्तर 68.80 पैसे पर पहुंच गई थी।

18 मई 2017 को रुपए की कीमत 64.371 की ऊंचाई पर है!

आपको नहीं लगता कि एनडीए ने भी यूपीए सरकार वाली स्थिति को पकड़ लिया है और रुपए के साथ कंपटीशन में लग गई है...वही कंपटीशन कि कौन ज्यादा नीचे गिरेगा।  है कि नहीं मोदीजी?

बेरोज़गारी


हम भला मोदी जी आपके विकास और नौकरियां देने की गारंटी को कैसे भूल सकते हैं? ‘जॉब क्रिएशन’ एक और वादा -जो आपने देशवासियों से किया था जिसके अभी तक दर्शन नहीं हुए हैं।  लेबर ब्यूरो के रिकॉर्ड सच खोलते हैं और कहते हैं कि रोजगारी अपने 8 साल के न्यूनतम पर है।

2009 में जहां यूपीए सरकार ने देश को 10लाख नई नौकरियां दी थी, एनडीए सरकार के समय में निराशाजनक रूप से 2015 में महज 1.55 लाख और 2016में 2.31 लाख नौकरियों के अवसर बने।

हाल में आईटी दिग्गज कंपनियों जैसे आईबीएम, विप्रो, Infosys आदि से जुडी अटकलों कि हो सकता है वे हजारों नौकरियां बंद कर दें...भारत में बेरोजगारी की समस्या की तस्वीर बदसूरत होती दीखती है।




 अर्थव्यवस्था 


मुझे यह पता है मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री को इस बात का आभास है कि हम प्रगतिशील राष्ट्र कहे जाने लायक नहीं रहे हैं और यह सब एनडीए की देन ‘लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था’ के कारण है।

2016-17 में मात्र 5% की बैंक क्रेडिट ग्रोथ,  जो कि पिछले 60 साल में न्यूनतम है।  जीडीपी के संदर्भ में, वर्तमान कीमतों पर भारत की सकल स्थिर पूंजी संरचना दर 2013-14 की 31.2% से 2016-17 में गिर के 26.9% पर पहुंच जाने के बाद, वर्तमान सरकार से हमें कोई खास उम्मीद नहीं बची है।

8 नवंबर 2016 को आपकी नोटबंदी की घोषणा के बाद 25 लाख से ज्यादा औद्योगिक श्रमिकों के रोज़गार छिनने के बाद हमें अभी तक इस कवायद से देश को कालेधन से मिली मुक्ति के बारे में कुछ भी नहीं पता है।

क्या आप कभी अपनी इस ‘उपलब्धि’ के विवरण को साझा करेंगे, मोदी जी?

स्वच्छ भारत मिशन


यह गहमागहम अभियान बेशक एक अच्छी शुरुआत था...मगर क्या ऐसा हो पाया? आप चाहे राजधानी दिल्ली को देखें या उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार...कहीं कोई बढ़ती स्वछता नहीं नजर आती।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ


यह अलग बात है कि इस स्कीम की सरकारी वेबसाइट पर स्कीम की सफलता बताती हरियाणा और पंजाब पर केन्द्रित कई  कहानियां हैं, कैग की रिपोर्ट कुछ और ही बयान करती है, जिसके अनुसार पंजाब और हरियाणा के अनेक शहरों में लिंगानुपात में गिरावट आयी है।

हरियाणा के पानीपत में दिसम्बर 2015 में लिंगानुपात 892 (लक्षित लिंगानुपात 902) था। लेकिन, हालात, सुधरने के बजाय, और बिगड़ गए और मार्च 2016 में लिंगानुपात गिरकर 881 हो गया।  ये ‘बेटी बचाओ...’ की ‘असली सफलता’ का एक उदाहरण है।

रक्षा


मोदी जी, सच कहूँ तो, आपका बार-बार कहना “देश बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है” कहना जुमला हो गया है। आपने भले हमें देश में बदलाव की बातें समझा-सुना दीं हों लेकिन सचाई यह है देश बदल तो रहा है लेकिन विकास की दिशा में नहीं विनाश की दिशा में....

देश का अपना  रक्षा उद्योग बना पाने में असफल रहना उस अकर्मण्यता का उदाहरण है जिससे वह घिरा हुआ है।

मुझे लगता है आपको यह बात अवश्य पता होगी – भारत उन 155 देशों में पहले स्थान पर है जिन्होंने 2012-16 में हथियारों का सबसे अधिक आयत किया है। असलियत यह है, 2007-11 से 2012-16 में यह आयात 43% बढ़ गया है।

मैं जानना चाहती हूँ कि कब आपकी घोड़े बेच कर सो रही सरकार जागेगी और देश को हथियारों के आयात पर निर्भर होने से मुक्ति दिलाएगी?

प्रधानमंत्री जी, क्यों न आप अपनी इन फालतू विदेश यात्राओं को बंद करें, और अपने देश के निर्माण पर विचार करें? बड़ा समय हुआ आपको ऐसा किये !

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध 

The world is divided in two camps. One camp believes in expansionist policies, while the other believes in development.
The world is divided in two camps. One camp believes in expansionist policies, while the other believes in development.

चीन: मिस्टर मोदी, क्या आपको ये शब्द याद हैं : “दुनिया दो धाराओं में बंटी हुई है, एक विस्तारवाद की धारा है और दूसरी विकासवाद की”?

मुझे उम्मीद है कि आपको याद हैं, क्योंकि ये वही शब्द हैं जिन्होंने चीन को नाराज़ किया था और तब से उसने पलट के नहीं देखा है, वो चाहे भारत के उत्तरपूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश पर हुई बहस हो या ‘चाइना पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरिडोर’ (CPEC), जिसने द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुँचाया है।

एक ऐसे समय में जब आप भारत को ‘महाशक्ति’ बनाने की ‘योजना’ बना रहे हों, एशियाई दिग्गजों में से एक के साथ ख़राब सम्बन्ध होना देश को आगे ले जाने वाली बात नहीं दीखती।

पाकिस्तान: डियर मोदी जी, मैं आपको 56 इंच का सीना होने की बधाई भी देना चाहती हूँ। आप क्या जानें ये कित्ती बड़ी बात है। लेकिन मुझे ये बताएं कि पाकिस्तान को आपने और क्या क्या किया है अपने 56 इंची सीने के बारे में बताने के अलावा?




और नहीं, पड़ोसी के जन्मदिन पर सरप्राइज देते हुए उसके घर जा कर बधाई देने को उपलब्धि नहीं गिन सकती, सॉरी!

मुझे अच्छी तरह याद है, २०१४ चुनाव के पहले , आपने कहा था, अगर बीजेपी सत्ता में होगी तो पाकिस्तान की हमारे सैनिकों पर हमला करने की हिम्मत नहीं होगी।

बहरहाल, हकीक़त ... पिछले महज दो-हफ़्तों में आठ दफा पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में संघर्ष विराम उल्लंघन किया है। अगर आंकड़ों को सच माना जाये तो पाकिस्तान ने २०१५ २०१६ में तक़रीबन रोज़ एक बार सीमा रेखा (एलओसी) का उलंघन किया है, जिनमें हमारे २३ सुरक्षा कर्मियों को बलिदान देना पड़ा, लेकिन राष्ट्र के प्रधानमंत्री इस सब से अछूते नज़र आते हैं। ऐसा नहीं है क्या ?

क्या आपको ये सारी ट्वीट याद हैं, मिस्टर मोदी?

Centre is unable to give a strong answer to Pakistan's inhuman acts. Beheading of our soldiers & now Sarabjit's death are 2 recent examples.
Centre is unable to give a strong answer to Pakistan's inhuman acts. Beheading of our soldiers & now Sarabjit's death are 2 recent examples.

I wish to ask the Prime Minister, are you not weak? If indeed you are a strong government, the country needs proof of that. AND Centre’s weak-kneed approach in crushing terrorism is shameful. Country wants the terrorists to be dealt hard-handedly
I wish to ask the Prime Minister, are you not weak? If indeed you are a strong government, the country needs proof of that. AND Centre’s weak-kneed approach in crushing terrorism is shameful. Country wants the terrorists to be dealt hard-handedly 

बेशक, आपको नहीं याद है! वरना आप कैसे इस तरह चुपचाप पाकिस्तान को 2015 में 405 और 2016 में 449 दफा सीमा रेखा उलन्न्घं करने देते। पाकिस्तान से निपटने की स्पष्ट नीति या दिशा न होने की कमी के चलते आप वो नहीं कर पा रहे मोदीजी जो आप कहते रहे हैं, हमेशा की तरह ।

कश्मीर


हमारा अपना कश्मीर 'पृथ्वी पर स्वर्ग', अलगाववादियों से लड़ रहा है और आपकी बीजेपी सरकार ने, अलगाववादियों से सहानुभूति रखने वाली पीडीपी पार्टी के साथ, गंठबंधन कर लिया।

किस लिए ? सिर्फ इसलिए कि आप अपने ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ के मिशन को पूरा कर सकें? हो सकता है आप यह कर भी लें, लेकिन किस कीमत पर ? निर्दोष कश्मीरियों की जान की कीमत पर या बारबार राष्ट्र के सैनिकों के सर को बर्बरता से धड़ से अलग किये जाने की कीमत पर?

मैं जानती हूँ कि आप कश्मीर मुद्दे पर अपना मौन बनाये रखना चाहते हैं, लेकिन यह नहीं समझ पाती कि आखिर क्यों?

घाटी में हालात इतने पथरीले तो कभी नहीं थे, 1990 में भी नहीं जब अलगाववाद हथियारों के साथ अपने चरम पर था।

कश्मीर जिस शांति का इंतज़ार कर रहा है वह उसे आप कब देंगे ?

अगर आप ऐसा कर दें, तो ये NDA सरकार की “वास्तविक उपलब्धि” होगी – और आप इस बात के ऊपर लाखों भारतीयों पर विश्वास कर सकते हैं!

नक्सली हमले


मोदीजी पिछले तीन वर्षों के आपकी साहसी और बहादुर सरकार के शासनकाल में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में 342 नक्सली-माओवादी विद्रोह की घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं में लगभग 344 नागरिक और 210 सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान गंवा दी।

फिर भी, मुझे वह राज़ नहीं पता चल रहा जिसके चलते राष्ट्र की नक्सल-नीति में आत्मतुष्टि घुसपैठ कर पा रही है। क्या आप मेरी सहायता कीजियेगा?

वास्तविक परिणाम


आधार:


आधार, भारत की सबसे बड़ी पहचान योजना, को सफल बनाने के लिए मुझे एनडीए सरकार को अपनी हार्दिक बधाई ज़रूर देनी। लेकिन फिर मैं वह शोरगुल-तमाशा कैसे भूल जाऊं जो बीजेपी ने, इसी आधार के विरोध में, विपक्ष में रहते किया था?

ये एक उस समय की ट्वीट है मोदीजी जब केंद्र में आपकी सरकार नहीं थी

On Aadhaar, neither the Team that I met nor PM could answer my Qs on security threat it can pose. There is no vision, only political gimmick
On Aadhaar, neither the Team that I met nor PM could answer my Qs on security threat it can pose. There is no vision, only political gimmick


तो आप क्या अभी भी इसे राजनैतिक-नौटंकी कहेंगे या फिर हम ऐसे कहें कि अब, आपकी सरकार का आधार को सफल बनाना, एक राजनैतिक-नौटंकी है?




जीएसटी


एनडीए सरकार की एक और “बड़ी उपलब्धि” थी, जब 2016 में, जीएसटी संशोधन विधेयक को राज्यसभा में सर्वसम्मत के साथ पारित किया गया था। लेकिन मोदीजी आप क्या इस उपलब्धि का सारा श्रेय अकेले-अकेले ही ले सकते हैं?

क्या आप भूल गए, सत्ता में आने से पहले, बीजेपी के नेतृत्व में विपक्ष ने UPA सरकार को यही बिल इसलिए नहीं लाने दिया था क्योंकि आपका मानना था इसके चलते राज्य कमज़ोर होंगे ?

अब जबकि आपकी सत्ता है, मैं उम्मीद करती हूँ कि वही जीएसटी उन्ही राज्यों को मजबूत बना रहा है।

पैसे और बाहुबल की राजनीति


कांग्रेस मुक्त भारत की जुस्तजू में, आपकी सरकार ने कोई करम नहीं छोड़ा है। बड़ी खूबसूरती से आपने मणिपुर और गोवा को कांग्रेस (जहाँ उसकी सीटें ज्यादा थीं) से छीन लिया, और कुछ इसी टाइप से अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड मतलब आपने दिखा दिया कि बीजेपी सरकार देश को कैसे बदल रही है।

पूर्ण अशांत राष्ट्र


सर, तीन साल की सत्ता में, आपकी सरकार ने हम जितना चाहते थे उससे कहीं ज्यादा-ही दिया है। आज, जैसा नज़र आता है, एक अजब अशांति देश को चारों तरफ से घेर रही है।

समाज ताले में बंद है और सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई, चुनाव आयोग जैसे संस्थान और कई अन्य स्वायत्त निकाय बिलकुल अराजकता की अवस्था में हैं।

किस लिए ? एक मजबूत राष्ट्र बनाने हेतु? मोदीजी ये भ्रम ही तो है, नहीं ?

शैक्षिक संस्थानों को तोड़ने से, आपकी सरकार उन सिद्धांतों को कलंकित कर रही है जिनसे महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, और रबींद्रनाथ टैगोर ने देश का निर्माण किया। राष्ट्र का सामाजिक-तानाबाना टूट रहा है, लेकिन ये वास्तविकता आपको प्रभावित नहीं करती दिख रही।

इतना धार्मिक ध्रुवीकरण इस राष्ट्र ने पहले होते नहीं देखा जितना आपकी सरकार ने हमें तीन साल में दिखा डाला। देखा जाये तो सत्तर वर्षों तक देश को जोड़े रखने के लिए हमें कांग्रेस का शुक्रिया अता करना चाहिए, जबकि एनडीए सरकार ने यदि कुछ किया है तो बस धर्म के नाम पर हमें तोड़ा है ।

मोदी जी मेरा आपसे निवेदन है, भगवान राम का राजनीति के नाम पर शोषण बंद कीजिये। भगवान राम आरएसएस, भाजपा या एनडीए की संपत्ति नहीं हैं। आप उनका ठेकेदार बनना बंद कीजिये।

हिन्दू धर्म वह धर्म है जिसका अस्तित्व सदियों पुराना है, और वो हमेशा रहेगा, सर, तब भी, जब आप या आपकी सरकार यहाँ नहीं रहेंगे।

मैं एक धर्मनिष्ठ हिन्दू हूँ। लेकिन मैं एक हिन्दू-राष्ट्र नहीं चाहती। मैं अपनी भारतमाता को पूरे दिल और आत्मा से प्यार करती हूँ, लेकिन सपने में भी ऐसा नहीं हो सकता कि देश दोबारा विभाजित हो। जिस भारत पर भविष्य की पीढ़ियों को गर्व हो मैं बस वह भय-रहित, सुरक्षित, हम-सबका भारत चाहती हूँ।

आशा है कि आपकी सरकार हमें यह दे सकती है।

राष्ट्र निर्माण की एक ही पूँजी, संभव वहीं जहाँ एकता गूँजी ।

निष्ठा सहित,

साध्वी खोसला
(भारत की नागरिक)

अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद : भरत तिवारी

साध्वी खोसला के अंग्रेजी पत्र के इस अनुवाद का कॉपीराइट www.shabdankan.com के पास है।  कृपया बिना अनुमति किसी भी प्रकार का प्रकाशन अथवा प्रसारण न करें।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस अनुवाद में व्यक्त किए गए विचार साध्वी खोसला के निजी विचार हैं. इस अनुवाद में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति अनुवादक उत्तरदायी नहीं है. इस अनुवाद में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस अनुवाद में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार अनुवादक के नहीं हैं, तथा अनुवादक उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.


(ये लेखक के अपने विचार हैं।)
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