जी मैं भारत माता हूँ — जाज़िब ख़ान


जी मैं भारत माता हूँ

— जाज़िब ख़ान

जी मैं भारत माता हूँ — जाज़िब ख़ान

देखिये ऐसा न हो, छूट जाए आपसे, इस आपाधापी-काल में हमारे सबसे युवा क्या सोच क्या लिख रहे हैं. शुक्रिया जाज़िब कविता लिखने और शब्दांकन के मार्फ़त हिंदी पाठकों, इस देश के नागरिकों तक अपनी सोच पहुंचाने का... जाज़िब को ढेरों प्यार के साथ आपका भरत.


जी मैं भारत माता हूँ,
और आज मैं बहुत उदास हूँ,
मेरे बच्चे आज एक दूसरे पर वार कर रहे हैं,
और साथ ही वो मेरी जय-जयकार कर रहे हैं।
मैंने कभीअपनी औलाद में भेदभाव नहीं किया,
किसी को ज़्यादा कभी किसी को कम नहीं दिया।
फिर क्यूँ इन लोगों ने एक-दूसरे का ख़ून बहाया है,
इन्होंने दिल्ली नहीं, मेरे दिल को जलाया है।
आज तक तो ये ऐसे कभी न लड़े थे,
हर मुश्किल, हर परेशानी में साथ खड़े थे।
फिर आख़िरअब ऐसा क्या हुआ है?
या यह फ़क़त सियासी जुआ है?


जाज़िब ख़ान
छात्र
हिंदी ऑनर्स, 
अलीगढ़
8433056253

००००००००००००००००




एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
कहानी ... प्लीज मम्मी, किल मी ! - प्रेम भारद्वाज
दो कवितायेँ - वत्सला पाण्डेय
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
ब्रिटेन में हिन्दी कविता कार्यशाला - तेजेंद्र शर्मा
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
Hindi Story: कोई रिश्ता ना होगा तब — नीलिमा शर्मा की कहानी
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل