सुंदर बदन सुख सदन श्याम को - मनमोहक - सूरदास का भजन / अश्विनी भिड़े-देशपांडे का गायन

सुंदर बदन सुख सदन श्याम को

सूरदास का भजन / अश्विनी भिड़े-देशपांडे का गायन  



सूरदास के प्रस्तुत भजन को अश्वनी जी की मनमोहक आवाज़ में हमेशा सुनता रहता हूँ। बीते दिनों यह ख्याल आया कि आपसब को इस सुख से वंचित रखना अच्छी बात नहीं है। सादर, सप्रेम ~ सं० 

सुंदर बदन सुख सदन श्याम को, निरख नयन मन थाक्यो। 
हो ठाडी  वीथिन व्हे  निकस्यो,   ऊझकि  झरोका  झांक्यो॥

लालन एक चतुराई कीनी,   गेंद उछार गगन मिस ताक्यो।
बेरिन   लाज    भईरी   मोकों,   हौं  गंवार   मुख   ढान्क्यो॥

चितबन में कछु कर गयो मोतन, चढ्यो रहत चित चाक्यो।
सूरदास   प्रभु  सर्वस्व   लैकें,  हंसत   हंसत   रथ   हांक्यो॥

(सूरदास जी के शब्दों में एक गोपी कह रही है- सखी!) श्यामसुन्दर वियोग होने पर भी ये निर्लज्ज प्राण रह गये हैं। प्रियतम के पास रहने के आनन्द का जब स्मरण आता है, तब यह वेदना शरीर से सही नहीं जाती। रात-दिन खड़ी (उनका) मार्ग देखती हूँ। ये दुःख हमने न सुने थे और न देखे थे। जाते समय भी (मोहन को) देख नहीं पायी; क्योंकि आँखों में आँसू भर आये और मानो होड़ बद कर बह चले। (अब) लौटकर (अपना मुख हमारी ओर घुमाकर) अवधि बीतने पर वापस आने की जो बात (श्यामसुन्दर ने) कही थी, वही बात हृदय में बस रही है। श्यामसुन्दर के बिना हम ऐसी वियोग के वशीभूत हो रही हैं मानो बिना पर्व (अमावस्या-पूर्णिमा) के ही राहु ने सूर्य तथा चन्द्रमा को ग्रस लिया हो।


डॉ अश्विनी भिड़े-देशपांडे (Ashwini Bhide-Deshpande) (जन्म ७ अक्टूबर, १९६०) मुंबई से एक हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायक हैं। वह जयपुर-अतरौली घराना से हैं।


अश्विनी भिड़े देशपांडे मुंबई के एक हिंदुस्तानी गायक हैं। वह प्रभात संयोगिता से भी जुड़ी हुई हैं, जिसे एक नई सुबह के गीत या प्रभात के गीतों के रूप में भी जाना जाता है, जो मूल रूप से प्रभात रंजन सरकार द्वारा रचित है। वह अपने हिंदुस्तानी गायन में जयपुर-अतरौली घराने का अनुसरण करती है, और वह मेवाती और पटियाला घरानों से भी प्रभावित है, खयाल, भजन, ठुमरी आदि उनकी गायन की विभिन्न विधाएं हैं। वह भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से बायोकेमिस्ट्री में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करती है। वह म्यूजिकल पीस भी बनाती है अश्विनी भिडे उसका पहला नाम है। उनका जन्म मुंबई, महाराष्ट्र में एक संगीत परिवार में हुआ था। उन्होंने बहुत कम उम्र में हिंदुस्तानी संगीत की दुनिया में पहल की थी, और उन्होंने नारायणराव दातार से औपचारिक सबक लिया। उसने अपनी मां से संगीत की जयपुर-अतरौली शैली सीखना शुरू करने से पहले गंधर्व महाविद्यालय से संगीत विशारद पूरा किया। वह पढ़ाई में भी एक शानदार छात्र है, जिसने माइक्रोबायोलॉजी में मास्टर डिग्री और बायोकेमिस्ट्री में डॉक्टरेट की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने संगीत में मास्टर की डिग्री भी ली। विज्ञान के विषयों के साथ अपने शैक्षणिक वर्षों के दौरान, उन्होंने कभी भी संगीत को अपना पेशा नहीं माना। लेकिन नियति कुछ और थी, और वह संगीत की दुनिया में उतर गई और प्रसिद्धि और लोकप्रियता भी अर्जित की। वह अपने गायन के लिए जयपुर-अतरौली घराने का कड़ाई से पालन नहीं करती है। इसके बजाय वह कुछ और संगीत शैलियों जैसे पटियाला, मेवाती आदि को शामिल करती है। इस प्रकार अश्विनी ने अपनी संगीत शैली बनाई है, और इन तीनों गायन शैलियों पर उनकी एक मजबूत कमान है, उन्होंने अपनी कई बैंड स्टाइल बनाई हैं, और एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया है। राग रचनंजलि शीर्षक से 2 में एक ही पुस्तक का दूसरा खंड प्रकाशित एक संगीत विद्वान ने सुनहरी आवाज के साथ आशीर्वाद दिया। 

००००००००००००००००

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

काली-पीली सरसों | ज्योति श्रीवास्तव की हिंदी कहानी | Shabdankan
बारहमासा | लोक जीवन और ऋतु गीतों की कविताएं – डॉ. सोनी पाण्डेय
चित्तकोबरा क्या है? पढ़िए मृदुला गर्ग के उपन्यास का अंश - कुछ क्षण अँधेरा और पल सकता है | Chitkobra Upanyas - Mridula Garg
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
 प्रेमचंद के फटे जूते — हरिशंकर परसाई Premchand ke phate joote hindi premchand ki kahani
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
मन्नू भंडारी की कहानी — 'रानी माँ का चबूतरा' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Rani Maa ka Chabutra'