"प्रभावपूर्ण साहित्य अवश्य ही लोक भाषा के निकट होगा। श्रम की भाषा और जीवन का अनुभव लोक पक्षधरता को तय करता है। साहित्य का लोकपक्ष अपने समय का …
आचार्य विश्वनाथ पाठक का स्वर्गवासी होना पालि प्राकृत और संस्कृत अवधी भाषा के लिए अपूरणीय क्षति है सर्वमंगला के प्रणेता, साहित्य अकादमी पुरस्का…
आचार्य विश्वनाथ पाठक पंचतत्व में विलीन Sarvamangala Author Acharya Vishwanath Pathak Passed Away फैजाबाद सर्वमंगला और घर कै बात जैसी मार…