मजबूत और सच्ची बात मसलन — "गांवों के चूल्हे की सोंधी महक/और शहर की फैक्टरी की दुर्गंध/मुझे इतना पागल नहीं करतीं/कि मैं कहूं गाँव शिक्षित हो चुके हैं/और शहरों में प्रसन्नता बसती है।" — कहती आकृति विज्ञा 'अर्पण' की कुछ अच्छी कविताएं पढ़ें। ~ सं0
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