दिनेश कुमार शुक्ल की तीन कवितायें खिलखिलाहट .................................... 1 तुम से बात करना अब और कठिन तुम्हार…
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Vandana Rag
हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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