स्त्री के लिए आलोचक का रवइया न चाहते हुए भी रह रहकर सामंती होने लगता है मैत्रेयी पुष्पा आलोचना की रस्म हिंदी आलोचना जगत अभी भी साहित…
स्त्री लेखन के लिए ‘जेंडर लेन्स’ चाहिए, उससे बहुत सारी सच्चाइयाँ उदासियों संग उभर कर सामने आएंगी - हमें उन्हें ‘सच’ का स्थान (स्टेटस) देना चाहिए -…