बीते दिनों बाबा, गुलज़ार साहब हमारे शहर फ़ैज़ाबाद गए थे. बड़ा मन था वहाँ उस समय होने का, जा नहीं सका लेकिन, शहर की उभरती लेखिका कंचन जायसवाल ने अपने (…
आगे पढ़ें »युवा रचनाकार कंचन जायसवाल की रचना 'ट्रेन में लड़की' जिसे सफ़र कथा कह रहा हूँ, पढ़ते हुए यह महसूस हुआ कि इस तरह की गद्यात्मक रचनाएं लिखी, छापी औ…
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Vandana Rag
हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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