पराजय कब नहीं थी कब नहीं थे झूठ के वाहवाह करने वाले लेकिन तभी दल-दल से निकल आया था समय करिश्में और भाग्य से नहीं मनुष्य के उत्साह और संसर्ग से। …
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Vandana Rag
हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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