आँखों के आगे छाते अंधेरे से बाहर निकलने के लिए, फ़र्श पर पड़ी पुरानी, अधजली बीड़ी को फिर से जला लिया, पर पहला कश खींचते ही खांसी का ऐसा धसका उठा …
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