Itna Vikas ho raha hai to Galiyan kyon badh rahi hain ? - Ravish Kumar इतना विकास हो रहा है तो गालियां क्यों बढ़ रही हैं? मेरा तो मानना ह…
सच यह है कि रवीश कुमार भी दलाल पथ के यात्री हैं — दयानंद पांडेय ब्लैक स्क्रीन प्रोग्राम कर के रवीश कुमार कुछ मित्रों की राय में हीरो बन …
जनमत एक प्रोडक्ट है और दर्शक उपभोक्ता ... किसी भी सरकार के सबसे मुखर समर्थक को उसके सरकारी अस्तपाल में भर्ती करा आइये। खासकर फिल्म जगत व…
पिछले दिनों सोशलमिडिया ख़ासकर ट्विटर पर एनडीटीवी को लेकर जिस तरह की बेलगाम बयानी (ट्वीटस्) हुई उसने सोशल मिडिया के गिरते स्तर के ऊपर उठते ग्रा…
रवीश का रिव्यू वाहियात बांड के भरोसे दुनिया का लोकतंत्र ! हिन्दी फ़िल्मों ने ग्लोबल लेवल पर कहानी का बेड़ा गर्क़ कर दिया …
Ravish Kumar's open letter to Home Minister Shri Rajnath Singh आंबेडकर भाव वो भाव है जो भावुकता की जगह तार्किकता को प्रमुख मानता है …
This fight (between tolerance and intolerance) has become Ridiculous and frightening - Ravish Kumar देश की बदनामी न हो इसलिए मैं ज़हरीली हवा…
हम समझ नहीं रहे हैं हम समझा नहीं पा रहे हैं देश के गाँवों में चिंगारी फैल चुकी है ... दादरी की भीड़ में कहीं आप तो नहीं थे या…
हम एक ऐसी जानलेवा भीड़ को मान्यता दे रहे हैं जिसकी चपेट में बारी बारी से सब आने वाले हैं ~ रवीश कुमार मेरा सवाल आपसे हैं, आपसे पूछ रहा …
कई पार्टियों का दलाल तो बता ही दिया गया हूँ फिर भी उन्हीं बताने वालों को मुझी से उम्मीद रहती है कि सभी मुद्दों पर चर्चा कर या स्टेटस लिखकर पत्र…