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हिंदी के मौजूदा उत्साही लेखकों में इतिहासबोध नहीं है — अनंत विजय
अनमैनेजेबिल का मैनेजमेण्ट : शुभम श्री की पुरस्कृत कविता — अर्चना वर्मा