जावेद अख़्तर और मैं ~ असग़र वजाहत की यादें कुछ साल पहले की बात है जावेद अख़्तर और मैं पटना एयरपोर्ट पर बैठे फ्लाईट का इंतज़ार कर रहे थे। हम प…
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Vandana Rag
हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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