Sudha Om Dhingra's Conversation with Devi Nangrani ग़ज़ल अब हमारी तहज़ीब की आबरू बन गई है - देवी नागरानी दर्द नहीं दामन में जिनके ख़ाक वो जी…
आगे पढ़ें »जाता हूं और अकेले एक कप कॉफी लेकर कॉफी हाउस में बैठा रहता हूं। बाहर किसके लिए झांकता रहता हूं जबकि सब लोग एक-एक करके निकल गए। किस…
आगे पढ़ें »‘मैं जानती हूं, वे (मोदी) एक दिन प्रधानमंत्री बनेंगे’ लक्ष्मी अजय अमदाबाद, 1 फरवरी। जिस इंसान के बारे में वे दावा करती हैं कि वे आज भी उनके पति…
आगे पढ़ें »शब्दांकन की विशेष प्रस्तुति प्रसंगत: अशोक वाजपेयी पिछले दिनों सुप्रसिद्ध कवि अशोक वाजपेयी से कवि-आलोचक ओम निश्चल ने एक बहसतलब बातचीत की है जो आ…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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