वो जला रहे हैं ये गुलिस्तां — भरत तिवारी वो जला रहे हैं ये गुलिस्तां हो बुझाने वालों तुम कहाँ यहाँ आग घर तक पहुँच रही ज…
An Unsuitable Boy Karan Johar in conversation with Rachel Dwyer Photo: StuartArmitt ZEE JAIPUR LITERATURE FESTIVAL A SELL OUT SUCCESS A…
अरुंधती रॉय को सेना की जीप में बाँधो बजाय पत्थरबाज के ! — परेश रावल असहिष्णु परेश रावलजी , यह छोटा-सा पत्र आप से इस्तीफे की दरक…
उम्र भर लेखन करने के बाद हम लेखकों को दारूखोरा गाली कतई सहन नहीं है — कृष्णा सोबती व्यंग्य हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली ज़िन्दाबाद…
किस बात का जंगलराज? कैसा भीड़तंत्र? सब सही चल रहा है। All is well! — अभिसार शर्मा 7 लोग मार दिए गए । बीजेपी-शासित झारखंड में। शक के …
An Open Letter to ‘Our’ Prime Minister, Narendra Modi Sadhavi Khosla प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुला ख़त ― साध्वी खोसला / अनुवादक…