उन कुंठाहीन हिंदी-कर्मी द्विभाषी या त्रिभाषी बालकों और युवाओं का अभिनंदन करता हूं जो हिंदी के सारथी हैं — अशोक चक्रधर हिंदी-सेवी या हिंदी-कर…
आगे पढ़ें »Asshole! Too scared of the mighty politicians! Does he think I can’t see through his excuses? Just wants to kill my story, the jerk Meera…
आगे पढ़ें »तेरी कमीज़ मेरी कमीज़ से मैली कैसे ... हिंदी साहित्य में यही होड़ लगी हुई है, शब्दवीर साहित्य से इतर सब कुछ कर रहे हैं. एक किस्सा है — एक महिला न…
आगे पढ़ें »अतिथि! तुम कब जाओगे शरद जोशी तुम्हारे आने के चौथे दिन, बार-बार यह प्रश्न मेरे मन में उमड़ रहा है, तुम कब जाओगे अतिथि! तुम कब घर से न…
आगे पढ़ें »साहेब को सब पता है कपिल मिश्रा वाया अमित शाह ००००००००००००००००
आगे पढ़ें »Media ki vartman sanskritik chetna सांस्कृतिक चेतना समाज के जीवन व्यापार का आईना होती है । इसके निर्माण का केंद्र बिन्दु वह मानवीयता है…
आगे पढ़ें »प्रेमा झा की कवितायेँ Poems of Prema Jha १. सीप और मोती पथिक, तुम जा रहे थे गठरी में मोतियाँ बांधकर तुम्हारे जाने के दरम्यान क…
आगे पढ़ें »संकट के मूल में अति महत्वाकांक्षा — अपूर्व जोशी मैंने एक निजी बातचीत के दौरान अरविंद केजरीवाल को सलाह दी थी कि ‘आप’ को केवल दिल्ली की स…
आगे पढ़ें »We the homeless / बेघर हम Sukrita Pual Kumar / गुलज़ार सुकृता की कविता जब गुलज़ार के दिल से तर्जुमा होगी तो कैसा समां होगा... …
आगे पढ़ें »ज़रूर कुछ मजबूरियां रही होंगी, वरना यूँहीं कोई बेवफा नहीं होता... — अभिसार हमारा कर्तव्य है सवाल पूछना, है न ? मगर इस पूरे संदीप कुमार …
आगे पढ़ें »इक्कीसवीं सदी और ट्रिपल तलाक़ — प्रितपाल कौर प्रितपाल कौर pritpalkaur@gmail.com +919811278721 देश में एक बार फिर मुसलमानों में प्रच…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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