प्रकाश हजारे का "सत्याग्रह" - गीतम श्रीवास्तव

अपने इंटरव्यूज में प्रकाश झा कई बार कह चुके हैं कि उनकी फिल्म सत्याग्रह अन्ना के आंदोलन से प्रेरित नहीं है, लेकिन फिल्म देखते समय ये साफ़ महसूस होता है कि फिल्म अन्ना के आंदोलन से ना सिर्फ प्रेरित है, बल्कि पूरी की पूरी फिल्म ही अन्ना के प्रकरण पर बनी है। जिसमें फिल्म के दादूजी (अमिताभ बच्चन) अन्ना की भूमिका में हैं। वहीं अजय देवगन को पारोक्ष रूप से अरविंद केजरीवाल बना दिया गया है। यही नहीं फिल्म में वकील के रूप में प्रशांत भूषण का किरदार भी है। अन्ना के आंदोलन से एक टीवी पत्रकार भी जुड़ी हुई थीं। उसी तरह प्रकाश झा ने करीना के रुप में उनका भी एक किरदार जोड़ दिया । लेकिन अंत तक वो इसमें खुद कनफ्यूज रहे कि वो इस आंदोलन का हिस्सा हैं या फिर टी वी चैनल की कर्मचारी।

     ज़ाहिर है कि फिल्म में कहानी के तौर पर कोई मेहनत नहीं की गई। बल्कि फिल्म देखते वक्त ऐसा लगता है जैसे कई चैनलों पर चलाई गई, अन्ना के आंदोलन की फुटेज देख रहे हों। प्रकाश झा ने फिल्म बनाने से ज्यादा फिल्म को प्रमोट करने में मेहनत की है। इसके अलावा अजय देवगन और करीना के बीच का रोमांस भी जबरदस्ती ठूंसा हुआ और सिर्फ रोमांस का तड़का भर लगाने जैसा लगता है।

     इन सबके बीच उन्होने अन्ना के आंदोलन की कुछ बारीकियाँ भी दिखाईं, मसलन सोशल-मीडिया की इस आंदोलन में कितनी महत्तवपूर्ण भूमिका रही थी। साथ ही राजनीति की वो अंदरूनी परतें जो हमें नहीं दिखतीं उन्हें प्रकाश झा ने दिखाने की कोशिश की। लेकिन ये तत्व फिल्म को अपने कंधो पर ढोने के लिए काफी नहीं थे। फिल्म की सबसे बड़ी यूएसपी अमिताभ और मनोज वाजपेयी की एक्टिंग है, जिन्होने वाकई उन किरदारों को जीवंत कर दिया है। अर्जुन रामपाल के पास ज्यादा कुछ करने का स्कोप नही था। अजय देवगन अच्छे अभिनेता होने के बाद भी अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाए। करीना का किरदार ही अपने आप में उलझा हुआ लगा। यासमीन फिल्म में जब हिंदी न्यूज़ चैनल की रिपोर्टर हैं, तो फिर वो जनसत्याग्रह आंदोलन में एक नेता बनकर कैसे मंच पर पहुँच रही हैं और पोस्टर्स में कैसे दिख रही हैं और विवाद होने के बाद फिर से अपने न्यूज चैनल की गाड़ी में अपने क्रू से साथ सवार हो कर चली भी  जाती हैं।

     इसमें कोई शक नहीं कि प्रकाश झा सामाजिक और राजनैतिक सिनेमा को बहुत सच्चाई के साथ पर्दे पर उतारना जानते हैं। दामुल, गंगाजल, अपहरण और कई हद तक राजनीति तक उन्होने इसकी ईमानदार कोशिश की है, मगर कॉक्टेल बनाने की कोशिश में आरक्षण, चक्रव्यूह और अब सत्याग्रह में ... प्रकाश झा की फिल्मों से प्रकाश-झा-फैक्टर कम होना उनके प्रशंसकों को दुखी कर रहा है।

सत्याग्रह  

सितारे: अमिताभ बच्चन, अजय देवगन, मनोज वाजपेयी, करीना कपूर खान, अर्जुन रामपाल, अमृता राव
निर्देशक: प्रकाश झा

 गीतम श्रीवास्तव, दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातक हैं. फिल्म पत्रकारिता में विशेष रुचि रखने वाली गीतम इन दिनों इंडिया न्यूज में बतौर रिपोर्टर कार्यरत हैं .

Movie Review: Satyagrah, Prakash Jha,  Amitabh Bachchan, Ajay Devgn, Kareena Kapoor, Arjun Rampal, Manoj Bajpai, Amrita Rao and Vipin Sharma
Satyagraha is a 2013 Bollywood political thriller film directed by Prakash Jha starring Amitabh Bachchan, Ajay Devgn, Kareena Kapoor, Arjun Rampal, Manoj Bajpai, Amrita Rao and Vipin Sharma in the lead roles.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story: कोई रिश्ता ना होगा तब — नीलिमा शर्मा की कहानी
विडियो में कविता: कौन जो बतलाये सच  — गिरधर राठी
इरफ़ान ख़ान, गहरी आंखों और समंदर-सी प्रतिभा वाला कलाकार  — यूनुस ख़ान
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
परिन्दों का लौटना: उर्मिला शिरीष की भावुक प्रेम कहानी 2025
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل
रेणु हुसैन की 5 गज़लें और परिचय: प्रेम और संवेदना की शायरी | Shabdankan
द ग्रेट कंचना सर्कस: मृदुला गर्ग की भूमिका - विश्वास पाटील की साहसिक कथा
एक पेड़ की मौत: अलका सरावगी की हिंदी कहानी | 2025 पर्यावरण चेतना