"सत्ता रचना से नहीं घबराती विचार से घबराती है" अशोक वाजपेयी. हंस सालाना संगोष्ठी वीडियो

सत्ता रचना से नहीं घबराती विचार से घबराती है 
     राज्य बहुत सारे दबावों में वो खुद तो संरक्षशील है, लेकिन बहुत सारे उसे उकसाने वाले तत्व पैदा हो गए हैं, शक्तियां पैदा हो गयी हैं। जिनकी (उन तत्वों) की भावनाएं आहत होती रहती हैं। अब एक नया चोचला पैदा होता है, जो बहुत ही प्रभावशाली है, उसको किसी ने नियुक्त नहीं किया है, वो स्वनियुक्त हैं - सेल्फ-इम्प्लोयेड हैं। उनका काम ही हुडदंग करना है और इसके लिए किसी वजूद की ज़रूरत नहीं है, लेकिन शायद वो कुछ राजनीतिक दलों के हुडदंगिय हरावल दस्ते भी है। कम से कम कुछ तो हैं हीं


    आहत भावनाओं का एक बड़ा भारी परिषद बन गया है। इसको मिडिया का बहुत समर्थन प्राप्त है। आप ज़रा सा एक हुड्दंड कर दीजिये तो आप मिडिया पर आ जायेंगे। ये जो बिला-खर्च इलेक्ट्रोनिक मिडिया पर आने की सुविधा इन हुडदंगों की दी हुई है, वो भी अद्भुत है। बाकी सब को तो खर्च-वर्च देना पड़ता है लेकिन इनको तो – मिडिया अपने आप ही लोक लेता है और ये असल में “लोकतंत्र की मर्यादाओं को सिकोड़ने, सख्त बनाने में और असहिष्णु बनाने में बहुत निर्णायक भूमिका, दुर्भाग्य से निभा रहे हैं”
Ashok Vajpeyi, Hans

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

बारहमासा | लोक जीवन और ऋतु गीतों की कविताएं – डॉ. सोनी पाण्डेय
काली-पीली सरसों | ज्योति श्रीवास्तव की हिंदी कहानी | Shabdankan
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
 प्रेमचंद के फटे जूते — हरिशंकर परसाई Premchand ke phate joote hindi premchand ki kahani
चित्तकोबरा क्या है? पढ़िए मृदुला गर्ग के उपन्यास का अंश - कुछ क्षण अँधेरा और पल सकता है | Chitkobra Upanyas - Mridula Garg
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
चतुर्भुज स्थान की सबसे सुंदर और महंगी बाई आई है