कविता की रफ़्तार उबड़-खाबड़ जमीं पर तेज हो जाती है - कल्याणी कबीर

चर्चित कवयित्री कल्याणी कबीर के प्रथम काव्य संग्रह “गीली धूप”  का लोकार्पण समारोह जमशेदपुर के बहुभाषीय साहित्यिक संस्था सहयोग के सौजन्य से गए दिनों जुबिली पार्क के इन्फोर्मेशन सेंटर में किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार जयनंदन ने की। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ कथाकार निर्मल ठाकुर एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में नवगीतकारों में सम्मानित कवयित्री शांति सुमन उपस्थित थी। इसके अलावा सम्मानित अतिथियों में चंद्रेश्वर खान और अरुण सज्जन भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर डा० अरुण सज्जन ने कहा कि कल्याणी कबीर की कविताओं में आकर्षण और जीवन दर्शन दोनों एक साथ लक्षित होते हैं।

गीली धूप की कविताओं में पनपते संबंधों को मुस्कुराते, रुठते, बिखरते देखकर मंच से बोलते हुए निर्मला ठाकुर ने कहा कि आज कविता को पचा पाना मुश्किल है। कविताएँ मन को नहीं छूती, आत्मा में नहीं उतर पाती। लेकिन कल्याणी कबीर की कविताएँ अनुभव के आंव में पककर निकली हुई कविताएँ हैं।

शान्ति सुमन ने कहा कि कल्याणी की कविताएँ जीवन से संवाद करती हैं, जिनमें आग भी है, धार भी, यह आज के परिवेश को बखूबी व्यक्त करती है।

पद्मा मिश्र ने कहा कि कल्याणी कि कविताओं में कोमल भावनाओं एवं संवेदनाओं का सुन्दर प्रस्फुटन नज़र आता है।

चंद्रेश्वर खान ने कल्याणी कबीर को अपनी कलम की गति और धार बनाए रखने की शुभकामना दी।

कल्याणी कबीर ने अपनी बात कहते हुए कहा कि कविताएँ चलती तो हैं समतल ज़मीं पर भी पर इसकी रफ़्तार तेज़ हो जाती है जब ज़मीं उबड़ - खाबड़ हो। उनकी लिखी कविताएँ स्त्री अस्मिता और उनके संघर्ष का दर्पण है।

स्वागत भाषण सहयोग की अध्यक्षा जूही समर्पित ने दिया और मंच संचालन माधुरी मिश्रा ने किया।

इस अवसर पर गोविन्द दोदराजकर, श्यामल सुमन, आशा गुप्ता, जवाहर लाल शर्मा, आनन्द बाला शर्मा, हरी मित्तल, श्यामल सुमन, गीता दूबे, उदय प्रताप हयात, नन्द कुमार उन्मन और शहर के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
कहानी ... प्लीज मम्मी, किल मी ! - प्रेम भारद्वाज
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
जंगल सफारी: बांधवगढ़ की सीता - मध्य प्रदेश का एक अविस्मरणीय यात्रा वृत्तांत - इंदिरा दाँगी
दमनक जहानाबादी की विफल-गाथा — गीताश्री की नई कहानी
वैनिला आइसक्रीम और चॉकलेट सॉस - अचला बंसल की कहानी
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
ब्रिटेन में हिन्दी कविता कार्यशाला - तेजेंद्र शर्मा