दिल्ली विश्वविद्यालय में शोधारत युवा रचनाकार ऋत्विक भारतीय एम.ए, एमफिल हैं। प्रस्तुत हैं वैलेंटाइन डे पर विशेष उनकी कुछ प्रेम कविताएं। ऋत्विक भारत…
दिव्या श्री, कला संकाय में स्नातक कर रही हैं। बेगूसराय बिहार की दिव्या श्री कविताएं लिखती हैं और अंग्रेजी अनुवाद में रुचि रखती हैं। उनकी कविताएं प्र…
सबसे ख़तरनाक वो गीत होता है जो मरसिए की तरह पढ़ा जाता है - पाश (अवतार सिंह संधू)
और फिर वह हॅंसी फिर उभरी आश्वस्त करती / थोड़ा ताजा थोड़ा नम / ‘‘ और ठीक हो न / कुछ लिखते भी हो / मैंने पढ़ा था शायद.........’’ रघुवंश मणि की कविता…
रघुवीर सहाय की ये 5 बेहतरीन अंतिम कविताएँ उनके मरणोपरांत प्रकाशित अंतिम कविता संग्रह 'एक समय था' से हैं. संग्रह के संपादक सुरेश…
बस 2 मिनट बोलो :: असग़र वजाहत बस 2 मिनट बोलो 2 मिनट में अपना सारा दुख सुख अपनी व्यथा अपना दर्द अपना भूत और अपना भविष्य कह डालो 2 …
छूट गयी डाल — प्रयाग शुक्ल हाथ से छूट गयी डाल कहती हुई मानो, नहीं, और मत तोड़ो फूल बहुत हैं जितने हैं हाथ में कुछ कल की सुगंध के…
चित्रकार जे स्वामीनाथन की 90वीं जयंती को प्रयाग शुक्ल जी ने, 21 जून को, बहुत करीने और बहुत दिल से कनॉट प्लेस, दिल्ली में मौजूद देश की प्रा…
धर्महीन — सोनिया बहुखंडी गौड़ स्त्री का अपना कोई धर्म नही होता सभी स्त्रियों की नही होती सुन्नत सिंक में बर्तन मांजते वक़्त बहते …