वरिष्ठ लेखिका नासिरा शर्मा को मिलेगा वर्ष 2014 का कथाक्रम सम्मान | Nasera Sharma to get 'Kathakram' National award for the year 2014

वरिष्ठ लेखिका नासिरा शर्मा को मिलेगा वर्ष 2014 का कथाक्रम सम्मान | Nasera Sharma to get 'Kathakram' National award for the year 2014

अभी आयी ख़बर के अनुसार  वर्ष 2014 के प्रतिष्ठित 'आनंद सागर कथाक्रम सम्मान' वरिष्ठ लेखिका नासिरा शर्मा को मिल रहा है. 

शब्दांकन परिवार की तरफ से नासिरा शर्मा जी को अशेष बधाई तथा चयन-प्रक्रिया से जुड़े सभी सुधीजनों व शैलेन्द्र सागर जी को भी बधाई.

शैलन्द्र जी ने फ़ोन पर बताया कि सम्मान की औपचारिक घोषणा कल होगी.

(शब्दांकन पर आप नासिरा जी की कहानियाँ बेगाना ताजिर और असली बात पढ़ सकते हैं)

शब्दांकन परिवार से जुड़ी गीताश्री अपनी प्रिय नासिरा आपा के लिए कहती हैं 

"वरिष्ठ साहित्यकार नासिरा शर्मा को वर्ष 2014 का प्रतिष्ठित कथाक्रम सम्मान दिए जाने की घोषणा हुई है. नासिरा आपा साहित्य जगत में किसी परिचय की मोहताज नहीं है फिर भी कुछ वे बातें जो उन्हें अपने समकालीनो से अलग ठहराता हैं.

युवा पीढी की रचनाओ को लेकर बुजुर्ग पीढी कई बार बेहद हमलावर नजर आती हैं वहीं नासिरा जी नए मन मिजाज को समझने की कोशिश करती हैं. वे नई पीढ़ी के प्रति सहृदय हैं, निर्मम नहीं. इसके पीछे है उनका वह प्रगतिशील माहौल जिससे वे आती हैं. वह बदलते समय और समाज को अच्छी तरह से रेखांकित करती और समझती हैं."


लखनऊ से कवयित्री-संपादिका प्रज्ञा पाण्डेय नासिरा जी को बधाई देते हुए उनके बारे में विस्तार से लिखती है ...

नासिरा शर्मा को एक सितम्बर २०१४ को लखनऊ में राही मासूम रजा सम्मान से सम्मानित किया गया। मुझे उनका परिचय पढने का सौभाग्य मिला तब उनके बारे में और उनके द्वारा किये गए कार्यों की जानकारी हुई। क्या एक आदमी अपनी एक ज़िंदगी में इतना काम कर सकता है ? उनका परिचय पढ़िए फिर उनका साहित्य पढ़िए। 

नासिरा शर्मा हिंदी की प्रसिद्ध कहानीकार और लेखिका हैं। २२अगस्त 1948 में इलाहाबाद में जन्मी नासिरा शर्मा को साहित्य के संस्कार विरासत में मिले। आपने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से फारसी भाषा - साहित्य में एम ए की डिग्री ली लेकिन आपके समृद्ध रचना संसार में दबदबा हिंदी का ही रहा. हिंदी,के अतिरिक्त उर्दू, पर्सियन ,पश्तो एवं अंग्रेज़ी भाषा पर भी आप की गहरी पकड़ है. ईरानी समाज और राजनीति के साथ-साथ आपको साहित्य, कला व सांस्कृतिक विषयों का भी विशेषज्ञ माना जाता है।अफगानिस्तान -बुज़कशी का मैदान , मरजीना का देश -इराक विषय पर आपका विशेष अध्ययन है . ईरान , अफगानिस्तान तथा भारत के राजनीतिज्ञों और प्रसिद्द बुद्धिजीवियों के साथ किये गए आपके साक्षात्कार बहुत चर्चित रहे। ईरानी युद्धबंदियों पर जर्मन व् फ्रेंच दूरदर्शन के लिए बनी फिल्मों में आपका महत्वपूर्ण योगदान है।

आपने तीन वर्ष जामिया मिलिया इस्मालिया विश्विद्यालय में अध्यापन कार्य किया , आप सृजनात्मक लेखन के साथ ही स्वतंत्र पत्रिकारिता में भी संलग्न रहीं हैं।

शामी कागज ,पत्थर गली ,इब्ने मरियम ,संगसार , सबीना के चालीस चोर ,ख़ुदा की वापसी, इंसानी नस्ल,बुतखाना, दूसरा ताजमहल ,आपके कहानी संग्रह हैं. 

सात नदियां एक समंदर, ठीकरे की मंगनी, जिंदा मुहावरे, अक्षयवट, कुईयांजान, अजनबी जज़ीरा, पारिजात, बिछते ज़हर, जीरो रोड एवं आपके उपन्यास हैं। इसके अतिरिक्त कागज़ की नाव आपका ताज़ा प्रकाशित उपन्यास है। 

दहलीज, सबीना के चालीस चोर, प्लेटफॉर्म नंबर सेवन एवं पत्थर गली आपके द्वारा रचित नाटक हैं इसके अतिरिक्त राष्ट्र और मुसलमान, औरत के लिए औरत लेख-संग्रह, संस्मरण की पुस्तक यादों के गलियारे तथा (आलोचना) की एक पुस्तक किताब के बहाने एवं रिपोर्ताज - जहाँ फव्वारे लहू रोते हैं आपकी प्रमुख कृतियाँ हैं। 

आपने इकोज़ ऑफ़ ईरानियन रेवोल्यूशन का हिंदी उर्दू पर्सियन तथा अंग्रेजी चार भाषाओं में अनुवाद किया, शाहनामा-ए-फिरदौसी की कहानियों का अनुवाद, ईरान की रोचक कथाओं का अनुवाद, विएतनाम की लोक कथाओं का अनुवाद बर्निंग पायर, छोटी काली मछली का फारसी से अनुवाद जैसे महत्त्वपूर्ण कार्य आपने किये हैं, सारिका एवं पुनश्च हिंदी पत्रिकाओं का ईरानी क्रांति विशेषांक विषय पर सम्पादन तथा वर्तमान साहित्य के महिला लेखन अंक का सम्पादन भी आपने किया, क्षितिज पार नाम से राजस्थानी लेखकों की कहानियों का सम्पादन, इसके अतिरिक्त बच्चों के लिए तथा नवसाक्षरों के लिए आपने अनेक पुस्तकें लिखीं। बच्चों के लिए लिखी गयीं आपकी लगभग पांच सौ कहानियां विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं।

शिमला का दरख़्त, काली मोहिनी, आया बसंत सखी, माँ, तड़प, बावली कहानियों पर दूरदर्शन द्वारा छह फिल्मों का निर्माण तथा आपकी कहानियों वापसी, सरज़मीं और शाल्मली पर टी वी सीरिअल का निर्माण भी हुआ। 

विभिन्न देशों के राजनेताओं उच्च पदासीन अधिकारियों से आपके द्वारा लिए गए साक्षात्कार बेहद महत्वपूर्ण हैं। पाकिस्तान के सईद मुहम्मद राज़ी रिज़वी, मौलवी नूरानी तथा नाहिद किश्वर जैसे महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों से साक्षत्कार के अतिरिक्त सीरिया के कुछ लेखकों एवं धार्मिक नेताओं का पाकिस्तान में भारत के हाई कमिश्नर एस के सिंह, काबुल के पूर्व उप राष्ट्रपति अब्दुल रहीम आतिफ ,  भारत-अफगानिस्तान के अंतर्राष्ट्रीय शांति एकता सचिव मेहरचंद वर्मा, अफगानिस्तान महिला संगठन की अध्यक्ष मासूम अस्वाति वर्दक, कवि दस्त गिरी पनशीरी, कवि अब्दुल्ला नबी, लेखक रहमान वर्द ज़रयाब, लेखक जलाल नूरी, लेखक अब्दुल्ला किदतमतग़र पख्तानी, पाकिस्तान के पीर गिलानी का एवं मुजाहिदीन के कई नेताओं के साक्षात्कार आपने किये । स्विडिश प्रेसिडेंट कमिटी के श्री स्टीफेन फुशायि, बांगलादेश के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद ज़िया उर्रहमान , पूर्व यूनियन मिनिस्टर आरिफ मोहम्मद खान, डेनियल लतीफ़ अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट (सबानो केस), श्री सुब्रह्मण्यम स्वामी, पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी, भारत के पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी ज़ैल सिंह जैसे विशेष पदों पर आसीन व्यक्तियों के साक्षात्कार आपने किये। उपरोक्त साक्षात्कारों में से कुछ का प्रकाशन का भारतीय एवं विदेशी पत्रिकाओं जैसे एशिया वीक, द मिडिल ईस्ट, अरेबिया एंड लन्दन आदि में भी हुआ। आपने बग़दाद में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में चार बार हिस्सा लिया तथा विभिन्न विषयों पर होने वाले सेमिनारों में अनेकों बार शिरकत की। दूरदर्शन के किये गए साक्षात्कारों में - मन्नू भंडारी, शिवानी, इश्तियाक मोहम्मद खान, अशफ़ाक़ मोहम्मद खान ईरान के कवि अशगर अली के साक्षात्कार महत्वपूर्ण हैं।

अंतर्राष्ट्रीय व्यक्तित्वों के साक्षात्कारों में ईरान के सत्ता में रहने वाले एवं सत्ता के बाहर रहने वाले लोगों के अतिरिक्त निष्काषित नेताओं के साक्षात्कारों में ईरान के अयातुल्ला खुमैनी, राष्ट्रपति रफ़संजानी, पूर्व प्रधान मंत्री लेफ्टिनेंट मोहम्मद रज़ाए, तेहरान के स्वर्गीय डॉ बेहश्ती, आयतुल्लाह मुनतेज़री, माइनॉरिटी कमीशन के ज़फर सैफुद्दीन आदि नेताओं के साक्षात्कार लेने जैसे महत्वपूर्ण कार्य किये। दूरदर्शन के लिए विभिन्न पुलिस आयुक्तों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं कलाकारों का आपने समय-समय पर साक्षात्कार लिया। ईरान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहपौर बख्तियार, मुजाहिदीन नेता मसूद, ईरान के पूर्व राष्ट्रपति बनीसद्र, ईरान के बुद्धिजीवियों -अह्मदे शामलु, सिमिन बेहबहानी, गुहार मुराद, सईद सुल्तानपुर, इस्माईल खोयी, नादिर नादिरपोर, इसके अतिरिक्त इराक के सूचना एवं संस्कृति मंत्री मोहम्मद लतीफ़ एम जसीम , औकाफ मंत्री अब्दुल्लाह फद अब -अब्बास। मदान इब्ने युसूफ,मुनीर बशीर एवं कवयित्री सज्जादा के साक्षात्कार भी आपने लिए। यू के, ईरान बीबीसी और वॉयस ऑफ़ अमेरिका रेडिओ समाचार चैनल के लिए भी आपने काम किया। बग़दाद फ़्रांस और अफगानिस्तान रेडिओ पर अंग्रेजी में कार्यक्रमों के अतिरिक्त चिड़ियों पर तथा भारतीय दस्तकार स्त्रियों पर भी आपने विशेष कार्यक्रम किये। आपने यू के, ईरान, फ़्रांस, जापान, हांग कोंग, अफगानिस्तान, थाईलैंड नेपाल सीरिया एवं दुबई आदि देशों की यात्रा की। 

आपको समय समय पर विभिन्न प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया। १९८० में आपको पत्रकार श्री सम्मान से तथा अर्पण सम्मान हिंदी अकेडमी दिल्ली से वर्ष ८७-८८ में गजानन मुक्तिबोध राष्ट्रीय सम्मान भोपाल में वर्ष १९९५ में वर्ष १९९७ में राजभाषा पटना महादेवी वर्मा पुरस्कार विशेष मध्य पूर्व लेखन और आपकी कृति शाल्मली पर हिंदी अकेडमी द्वारा कीर्ति सम्मान, बच्चों के साहित्य के लिए इंडो- रशियन सम्मान वर्ष २००२ में इंडो-रशियन लिटरेसी क्लब द्वारा दिल्ली में, कला-संस्कृति रशियन केंद्र द्वारा वर्ष २००९ में आपको नयी-धारा रचना सम्मान तथा महात्मा गांधी सम्मान  उत्तरप्रदेश द्वारा वर्ष २०१३ में सम्मानित किया गया, वर्ष २०१३ में आपको उर्दू-अकेडमी दिल्ली तथा उर्दू अकेडमी पटना द्वारा सम्मानित किया गया, आपको स्पंदन कथा शिखर सम्मान द्वारा भी सम्मानित किया गया। आपके उपन्यास 'कुइयांजान' के लिए वर्ष २००८ में आपको यूके कथा सम्मान से सम्मानित किया गया।

हिंदी भाषा के साहित्य को दिए गए आपके अक्षुण्ण योगदान के लिए हम सभी आपके प्रति आभार व्यक्त करते हैं तथा आपका बहुत बहुत स्वागत करते हैं।

नासिरा जी को शुभकामनायें

बधाई
नासिरा जी की कहानियाँ बेगाना ताजिर और असली बात
Senior Author Writer Nasera Sharma to get 'Kathakram' National award for the year 2014

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