अच्छी फ़िल्मों को देखना बहुत ज़रूरी (और साहित्यिक) होता है। यह तब और अच्छा हो जाता है जब गीताश्री सरीखा संवेदनशील लेखक किसी ऐसी फिल्म को देख, फ़िल्म की…
आगे पढ़ें »मत्स्यगंधा गीताश्री की कहानी “हे निषाद देवता...ई औरत तो सचमुच सनकल पुजारिन हो गई है। क्या गा रही है। सुरसती लोकगीत गाती है सुर में। गीतगाइन सुर…
आगे पढ़ें »पटना के चतुर्भुज स्थान पर लिखी यह कथा नारी की पीड़ा, समाज की विडंबना और संवेदनशील लेखन का सुंदर संगम है। गीता श्री की यह कहानी सिर्फ़ एक जगह नही…
आगे पढ़ें »“तुम जिसे खिलाने की कोशिश कर रहे हो, मेरा नाम वही है। इसकी उत्तेजना मत बढ़ाओ। इतना मत छुओ इसे, डालियां गर्भवती हो जाएंगी।” Romantic Hind…
आगे पढ़ें »गीताश्री की कहानी 'डाउनलोड होते हैं सपनें' महानगरीय जीवन में संघर्षरत एक युवती की आकांक्षाओं और यथार्थ के बीच की खाई को संवेदनशीलता से उज…
आगे पढ़ें »मेरी पसंद/गीताश्री कविता की कहानी... ~ गीताश्री नदी जो अब भी बहती है... दर्द का दरिया जो अब भी बहता है... मेरी कुछ मान्यताए…
आगे पढ़ें »वह रात किधर निकल गई ~ गीताश्री वह रात नसीबोंवाली नहीं थी। देर रात फोन पर झगडऩे के बाद बिंदू किसी काम के लायक नहीं बची थी। …
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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