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अशोक सेकसरिया बेहद सादा तबीयत के आदमी थे  - नीलाभ अश्क
अशोक सेकसरिया अपने आत्म से ऊपर थे - रवीन्द्र कालिया
जो उन्हें (अशोक सेकसरिया जी) जानता था वही उन्हें जानता था - अलका सरावगी
गोल्डन जुबिली कहानी - रवीन्द्र कालिया: नौ साल छोटी पत्नी
प्रभावपूर्ण साहित्य लोक भाषा के निकट होगा - स्वप्निल श्रीवास्तव | Effective literature will be closer to lok-bhasha - Swapnil Srivastava
खुशियों की होम डिलिवरी (भाग - 4) : ममता कालिया
सिर्फ एक दिन - रवीन्द्र कालिया | Ravindra Kalia's First Hindi Story
ओम नाम आलोक | Namvar Singh, Om Puri & Aalok Shrivastav
'हैदर का प्रतिपक्ष' ! कहानी: बस... दो चम्मच औरत - मधु कांकरिया | Hindi Kahani By Madhu Kankaria

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कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
मन्नू भंडारी की कहानी  — 'नई नौकरी' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Nayi Naukri' मन्नू भंडारी जी का जाना हिन्दी और उसके साहित्य के उपन्यास-जगत, कहानी-संसार का विराट नुकसान है
टूटे हुए मन की सिसकी | गीताश्री | उर्मिला शिरीष की कहानी पर समीक्षा
मन्नू भंडारी, कभी न होगा उनका अंत — ममता कालिया | Mamta Kalia Remembers Manu Bhandari
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मन्नू भंडारी: कहानी - एक कहानी यह भी (आत्मकथ्य)  Manu Bhandari - Hindi Kahani - Atmakathy