रवीश की रिपोर्ट नहीं 'लप्रेक' के साथ जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल में होगी राजकमल प्रकाशन की 'सार्थक' पहल

‘सार्थक’ पहल के साथ जेएलएफ में उतरेगा राजकमल प्रकाशन

रवीश की लप्रेक (लघु प्रेम कथा) श्रृंखला की पहली किताब इश्क़ में शहर होना

गुलाबी शहर में साल की शुरूआत में ही आयोजित होने वाले सबसे बड़े साहित्य महोत्सव- जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल में राजकमल प्रकाशन अपने नए और ख़ास प्रयोगों के साथ अपनी उपस्थित दर्ज़ करने जा रहा है। सार्थक- राजकमल प्रकाशन का उपक्रम, के बैनर तले लप्रेक (लघु प्रेम कथा) श्रृंखला की पहली किताब ‘इश्क़ में शहर होना’ का लोकार्पण जेएलएफ में 24 जनवरी को होगा। इसके लेखक हैं वरिष्ठ टीवी पत्रकार और ‘रवीश की रिपोर्ट’ से लोगों के दिलों में अपनी अलग पहचान बनाने वाले - रवीश कुमार। प्रेम में होना सिर्फ हाथ थामने का बहाना ढूँढना नहीं होता। दो लोगों के उस स्पेस में बहुत कुछ टकराता रहता है। लप्रेक उसी कशिश और टकराहट की पैदाइश है।
राजकमल प्रकाशन के निदेशक आमोद आमोद महेश्वरी ने बताया कि पुस्तक प्रेमियों के लिए एक खुशखबरी यह है कि लप्रेक प्री-बुकिंग के लिए Amazon पर उपलब्ध है। 13 फरवरी तक 99 रू की लप्रेक 80 रू में खरीदी जा सकती है बगैर किसी डाक खर्च के और इनका वितरण 28 जनवरी से शुरू हो जायेगा।
लप्रेक श्रृंखला में अन्य दो प्रमुख लप्रेककार हैं - विनीत कुमार और गिरीन्द्र नाथ झा। श्रृंखला में पहली किताब रवीश कुमार की आ रही है जिसका नाम है- 'इश्क़ में शहर होना'। इन सभी पुस्तकों की खास बात यह है कि ये सभी कहानियां चित्रात्मक हैं। यानी चित्रों के साथ शब्दों का बेहतरीन मेल इन किताबों में देखने को मिलने जा रहा है। इन किताबों के लिए चित्रकारी की है चित्रकार, कार्टूनिस्ट, छायाकार और जाने- माने फ़िल्मकार विक्रम नायक ने।

'इश्क़ में शहर होना'  के लेखक रवीश कुमार जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में 23-24 जनवरी को मौजूद रहेंगे। अपनी किताब के बारे में 'कहानी की नई करवट' सत्र में वह पत्रकार और लेखिका अनु सिंह चौधरी से 24 तारीख को 3:30 बजे दोपहर में बातचीत करेंगे। सत्र की शुरुआत किताब के लोकार्पण से होगी। लोकार्पण जयपुर के नौजवान विद्यार्थी करेंगे।


ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
मन्नू भंडारी की कहानी — 'रानी माँ का चबूतरा' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Rani Maa ka Chabutra'
मन्नू भंडारी की कहानी  — 'नई नौकरी' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Nayi Naukri' मन्नू भंडारी जी का जाना हिन्दी और उसके साहित्य के उपन्यास-जगत, कहानी-संसार का विराट नुकसान है
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
मन्नू भंडारी, कभी न होगा उनका अंत — ममता कालिया | Mamta Kalia Remembers Manu Bhandari
मन्नू भंडारी: कहानी - एक कहानी यह भी (आत्मकथ्य)  Manu Bhandari - Hindi Kahani - Atmakathy
Hindi Story: दादी माँ — शिवप्रसाद सिंह की कहानी | Dadi Maa By Shivprasad Singh
कहानी ... प्लीज मम्मी, किल मी ! - प्रेम भारद्वाज