राज़ हैं पुस्तकों के संस्करण में — अनंत विजय @anantvijay


राज़ हैं पुस्तकों के संस्करण में   — अनंत विजय @anantvijay


Hindi Upanyas aadi aur Uske Sanskaran — Anant Vijay


जिस समय में आंकड़ों पर ही सब तय होता है वहीँ आज भी हिंदी में प्रकाशित साहित्यिक पुस्तकों के प्रकाशन और बिक्री दोनों के आंकड़े हरीसन ताले में बंद रखे जाते हैं... अब अगर आप के मन में यह सवाल उठता है कि ऐसा क्यों है तो आप क्या करेंगे? शशश.... इस जगत में ऐसे सवाल नहीं किये जाते आप चुपचाप अनंत विजय का लेख पढ़िए और स्वस्थ्य रहिये. और सुनिए ... एक बार ऊपर जो कार्टून है उसे दोबारा देखें और मुस्कुरा दें.


भरत तिवारी

प्रकाशन जगत में पारदर्शिता कब ?

पिछले दिनों युवा कथाकार पंकज सुबीर ने फेसबुक पर ये सूचना साझा कि उनके उपन्यास ‘अकाल में उत्सव’ का दूसरा संस्करण प्रकाशित हो गया । वो इस बात को लेकर भावुक हो रहे थे कि इस साल जनवरी में प्रकाशित उनके उपन्यास का मई आते-आते यानी पांच महीने में ही दूसरा संस्करण प्रकाशित हो गया । परंतु पंकज ने अपनी उक्त सूचना में प्रथम संस्करण की प्रतियों का जिक्र नहीं किया अगर वो पहले संस्करण की बिकी हुई प्रतियों का जिक्र कर देते तो हिंदी प्रेमियों को संतोष होता । हिंदी प्रेमियों को संतोष तो इस बात से भी होगा कि पांच महीने में उपन्यास का दूसरा संस्करण छप कर आ गया । हिंदी प्रकाशन जगत में अब संस्करणों की संख्या तीन सौ से लेकर पांच सौ तक की होने लगी है । इसकी बड़ी वजह तकनीक की सहूलियत और गोदामों में रखने की जगह की किल्लत भी हो सकती है । इस लेख का विषय पंकज सुबीर के उपन्यास के संस्करणों की संख्या को विश्लेषित करना नहीं है बल्कि उसके माध्यम से इस बात पर चर्चा करना है कि हिंदी में साहित्यिक कृतियों के संस्करणों की संख्या कम क्यों होती जा रही है । अगर हम कविता संग्रहों पर बात करें तो अस्सी फीसदी से ज्यादा कविता संग्रह लेखकों के खुद के प्रयास से छप रहे हैं । प्रकाशक अपना ब्रांड भर देते हैं और बाकी लेखक का होता है । कहानी और उपन्यासों की स्थिति कविता से थोड़ी बेहतर है परंतु बड़े दावे करनेवाले प्रकाशक भी इस बात को जानते हैं कि पांच संस्करण या दस संस्करण का मतलब डेढ दो हजार प्रतियां ही है । यह भी चिंता की बात है कि अंग्रेजी के जो प्रकाशक हिंदी प्रकाशन के क्षेत्र में उतरे हैं वो कविता की किताबें इतनी कम क्यों छाप रहे हैं ।

online hindi books shopping cash on delivery

अब एक नई तरह की प्रवृत्ति देखने को मिल रही है । एक नया प्रकाशक बाजार में पांव जमाने की कोशिश कर रहा है नाम है जगरनॉट । ये पहले किताबों को ई बुक्स में सामने लाने की योजना पर अमल कर रहा है और उसके बाद उसको पुस्तक के तौर पर बाजार में पेश करेगा । पिछले दिनों इसकी शुरुआत मशहूर फिल्म अभिनेत्री सनी लियोनी की कहानियों से हुई थी । जगरनॉट हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पुस्तकें प्रकाशित करने के लिए लेखकों से संपर्क कर रहा है । लेखकों को उनकी कृतियों के लिए अग्रिम धनराशि भी दे रहा है और मनपसंद विषय पर किताबें लिखवा भी रहा है । सनी लियोनी से शुरुआत करने वाले इस प्रकाशक की सोच है कि हल्की-फुल्की किताबें प्रकाशित की जाएं । इस सोच से ये संकेत मिलता है कि ऑनलाइन पाठकों की रुचियों पर उन्होंने कोई सर्वे किया होगा जिसमें उनको पता चला होगा कि पाठक हल्के-फुल्के रोमांटिक विषयों को पसंद कर रहा है लिहाजा उनका जोर इस तरह के विषयों के इर्द गिर्द ही दिखाई दे रहा है । हिंदी के कई लेखकों को भी जगरनॉट ने अग्रिम भुगतान का प्रस्ताव देकर मनपसंद विषय पर पुस्तकें लिखने का प्रस्ताव दिया है । अब यह प्रयोग कितना सफल हो पाता है यह देखनेवाली बात होगी । दरअसल हिंदी पाठकों के मन मिजाज को समझने के लिए गहन मेहनत की आवश्यकता है । हिंदी के पाठकों को याद होगा कि चंद सालों पहले रेनबो के नाम से एक प्रकाशक ने हिंदी के लेखकों को जमकर लुभाया था और कई बड़े नामों को अपने यहां से छापा था लेकिन आज रेनबो का हिंदी प्रकाशन जगत में कोई नामलेवा भी नहीं है । इसी तरह से अंग्रेजी के कुछ प्रकाशकों ने भी हिंदी में साहित्यिक कृतियों को छापने का उपक्रम किया था लेकिन उनके सलाहकारों ने ऐसे-ऐसे लेखकों की कृतियां छपवा दीं कि वो योजना परवान नहीं चढ़ सकीं । सवाल फिर वहीं है कि हिंदी प्रकाशन जगत में पारदर्शिता के लिए क्या किया जाना चाहिए ?

००००००००००००००००

पढ़ने और समझने में आया हो और कुछ कहने लायक स्थित में हों तो नीचे टिप्पणी कीजियेगा. 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story: कोई रिश्ता ना होगा तब — नीलिमा शर्मा की कहानी
विडियो में कविता: कौन जो बतलाये सच  — गिरधर राठी
इरफ़ान ख़ान, गहरी आंखों और समंदर-सी प्रतिभा वाला कलाकार  — यूनुस ख़ान
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
परिन्दों का लौटना: उर्मिला शिरीष की भावुक प्रेम कहानी 2025
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل
रेणु हुसैन की 5 गज़लें और परिचय: प्रेम और संवेदना की शायरी | Shabdankan
एक पेड़ की मौत: अलका सरावगी की हिंदी कहानी | 2025 पर्यावरण चेतना
द ग्रेट कंचना सर्कस: मृदुला गर्ग की भूमिका - विश्वास पाटील की साहसिक कथा