nmrk2

एक टिप्पणी भेजें

3 टिप्पणियाँ

  1. यह सुखद है कि आप राजेन्द्र यादव की इच्छा पछरी कर रही हैँ । मेरी शुभकामनाएँ ।

    जवाब देंहटाएं
  2. भावुक कर देने वाली पोस्ट. हार्दिकशुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  3. भावुक कर देने वाली पोस्ट. हार्दिकशुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं

राजेन्द्र यादव को मुझे हर रिपोर्ट देनी है — रचना यादव | Premchand Jayanti 2016


Rajendra Yadav with daughter Rachana Yadav

कभी लगता ही नहीं था कि राजेन्द्र यादव चले जायेंगे

— रचना यादव


राजेन्द्रजी को गए हुए 3 साल हो गए हैं, पर अभी भी लगता है वो यहीं हैं। उनकी बहुत इच्छा थी कि मैं ‘हंस’ से जुड़ जाऊं और उनके साथ काम करूं। पर दो कारण थे कि मैंने कभी उनकी बात नहीं मानी। पहला यह कि मेरे काम की धारा अलग थी। संगीत और नृत्य की। साहित्य में और हंस में मैंने कभी रुचि ली ही नहीं। दूसरा कारण... कभी लगता ही नहीं था कि राजेन्द्र यादव चले जायेंगे। उनसे अलग हंस की कल्पना भी नहीं कर सकती थी।
३१वां प्रेमचंद जयंती समारोह

लोकतंत्र और राष्ट्रवाद : मीडिया की भूमिका

वक्ता :
— चंदन मित्रा
— मृणाल पांडेय
— राजदीप सरदेसाई
— विनीत कुमार
— सईद नक़वी
— हरबंस मुखिया
प्रस्तावना एवं सञ्चालन: पुरुषोत्तम अग्रवाल

रविवार ३१ जुलाई २०१६,  शाम ६ बजे
ऐवान-ए-ग़ालिब सभागार (Ghalib Auditorium), 
माता सुंदरी मार्ग, नयी दिल्ली
निकटतम मेट्रो : आईटीओ (मैप नीचे संलग्न)


पर यही हुआ। वे चले गए लेकिन हंस में उनकी रूह को अभी तक महसूस करती हूँ। उस दफ़्तर में, उस कुर्सी पर, हंस के हर पृष्ठ पर। मुझे आज तक यही लगता है कि मैं जो भी हंस के लिए कर रही हूँ, मुझे उनको एक-एक क़दम पर रिपोर्ट देनी है। वे वहां, उस कुर्सी पर बैठ कर हम सब से काम करवा रहे हैं। और देख रहे हैं कि सब कुछ वैसे ही चलता रहे जैसा कि वे चाहते थे। हंस की परंपरा बनी रहे।


इसी परंपरा को बरक़रार रखते हुए, ३१ जुलाई को ‘प्रेमचंद जयंती समारोह’ ले कर हम हर वर्ष की तरह आपके सामने हाज़िर होंगे। यह एक ऐसा कार्यक्रम था जो राजेंद्र जी को बहुत प्रिय था, वे इसे लेकर बच्चों की तरह उत्साहित रहते थे। यह उनका वह उत्साह ही है जो हमें आजतक प्रेरित करता है और आगे भी करता रहेगा। राजेन्द्रजी के साथ, हम सब के साथ, आप भी कार्यक्रम में अवश्य शामिल हों।

रचना यादव

---------------------------------------------------------------


Ghalib Auditorium Mata Sundri Rd, Mata Sundri Women's College, Mandi House, Central Delhi, Delhi 110002


००००००००००००००००
nmrk2

एक टिप्पणी भेजें

3 टिप्पणियाँ

  1. यह सुखद है कि आप राजेन्द्र यादव की इच्छा पछरी कर रही हैँ । मेरी शुभकामनाएँ ।

    जवाब देंहटाएं
  2. भावुक कर देने वाली पोस्ट. हार्दिकशुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  3. भावुक कर देने वाली पोस्ट. हार्दिकशुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
टूटे हुए मन की सिसकी | गीताश्री | उर्मिला शिरीष की कहानी पर समीक्षा
मन्नू भंडारी की कहानी — 'रानी माँ का चबूतरा' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Rani Maa ka Chabutra'
मन्नू भंडारी की कहानी  — 'नई नौकरी' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Nayi Naukri' मन्नू भंडारी जी का जाना हिन्दी और उसके साहित्य के उपन्यास-जगत, कहानी-संसार का विराट नुकसान है
मन्नू भंडारी: कहानी - एक कहानी यह भी (आत्मकथ्य)  Manu Bhandari - Hindi Kahani - Atmakathy
एक स्त्री हलफनामा | उर्मिला शिरीष | हिन्दी कहानी
 प्रेमचंद के फटे जूते — हरिशंकर परसाई Premchand ke phate joote hindi premchand ki kahani