Manoj Kumar Pandey Ki Kahani 'Hansi' साहित्य व्यवस्था की कमियों पर ऊँगली रखे तो अपना काम करे... मनोज कुमार पांडेय की कहानी 'हँसी…
देवतुल्य मेरे गुरु आर पी शर्मा जो आज के दिन हमें इस भँवर में छोड़ गए। उनकी याद में मेरी भावनाओं के सुमन जो अब भी ताजगी से भरपूर हैं। — देवी न…
साहित्य का 'समीकरण काल' Sahitya ka 'Samikaran Kal' - Anant Vijay अनंत विजय के इस लेख को पढ़ने से पहले एक नज़र उन प्रतिक्र…
राजनीतिक कार्टूनकारी में मुझे अबू अब्राहम से बड़ा नाम तुरंत ध्यान नहीं आता। — ओम थानवी उनकी पंक्तियों और रेखाओं में वक्रता ही नहीं, ऊँ…
Bharat me Che Guevara Om Thanvi अर्नेस्तो ‘चे’ गेवारा सरना 30 जून, 1959 की शाम दिल्ली पहुंचे थे। वे छह महीने पहले क्यूबा में हुई सशस्…
Che ke Ghar Me Om Thanvi हवाना में बारिश थी। हम अर्नेस्तो ‘चे’ गेवारा के घर की देहरी पर खड़े थे। हमारे तीन साथी भीगने के भय से…