दिल्ली में पुख्ता महिला सुरक्षा की मांग को लेकर आप महिला संगठन पहुंचा गृह मंत्रालय
दिल्ली महिला संगठन की अध्यक्षा रिचा पांडे मिश्रा |
आम आदमी पार्टी के महिला संगठन की अध्यक्षा रिचा पांडे मिश्रा ने बुधवार को कहा कि 'इस वक्त दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा बेहद कमजोर है। हम गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह से यह गुज़ारिश करने आए हैं कि वो दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को गंभीरता से लें और उसका स्थाई समाधान निकालें।
महिला सुरक्षा की, दिल्ली में, ख़राब स्थिति को सुधारने की कोशिश में, आम आदमी पार्टी की महिला शक्ति (वीमेन'स विंग) प्रेजिडेंट, रिचा पांडे मिश्रा, ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पांच सुझाव सौंपे। उनका कहना है कि केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस और राज्य सरकार तीनों के एक साथ मिलकर दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम किये जाने की ज़रुरत है। दिल्ली राज्य सरकार द्वारा इस विषय में किये गए कार्यों के विषय में जानकारी दी — डार्क-स्पॉट को चिह्नित किया जाना, लाइट्स लगना, सीसीटीवी के लिए टेंडरों का होना, १५०० बसों में मार्शलों की नियुक्ति आदि — और बताया कि राजनाथ सिंह को दिया गया ज्ञापन संजीदा है, और वह पूरी कोशिश करेंगी कि गृहमंत्री, दिल्ली की महिलाओं को, दिल्ली की पुलिस का सहयोग दिला सकें।
चौंकाने वाली बात है — पुलिस अनुसन्धान एवं विकास ब्यूरो की 1.1.2015 की रिपोर्ट के अनुसार जहाँ देश में 535 के करीब महिला थाने हैं, दिल्ली में एक भी थाना, महिला थाना नहीं है! #DelhiNeedsWomenPoliceStation
इस गंभीर समस्या को महिला शक्ति प्रेसिडेंट ने गृहमंत्री को दिए ज्ञापन में उठाया है। उनके अनुसार 2013 के आसपास दिल्ली का एकलौते महिला थाना ‘मोरिस नगर’ भी, महिला थाना नहीं रहा है। पहली मांग है : दिल्ली में महिला थानों की स्थापना की जाए। #DelhiNeedsWomenPoliceStation
उनका दूसरा सुझाव: दिल्ली पुलिस में महिला पुलिस की नियुक्ति बढ़ाई जाए और 2016 में NCW की दिल्ली पुलिस में 33% महिला आरक्षण की सलाह को लागू किया जाए। #DelhiNeedsWomenPoliceStation
इसके अलावा, दिल्ली में 17 लोगों की स्पेशल टास्क फ़ोर्स जिसके चेयरमैन एलजी है, का निर्माण हुआ था, और जिसकी सदस्य DCW चेयरमैन स्वाती मालीवाल भी हैं, टास्क फ़ोर्स के निर्माण के समय से ही यह बात उठती रही है, कि इसमें केंद्र व राज्य सरकार का एक-एक प्रतिनिधि भी होना चाहिए, ताकी सम्बंधित मामलों में वह अपनी राय भी रख सके। अतः स्पेशल टास्क फोर्स को और ज़्यादा पारदर्शी बनाया जाए ।
दिल्ली के विभिन्न थानों में नियुक्त महिला पुलिस की पद-सहित संख्या की जानकारी होना, ऋचा का मानना है, यह जानकारी रिपोर्ट आदि दर्ज किये जाते समय बेहद आवश्यक भूमिका निभा सकती है। महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध के मामले में स्पीडी ट्रायल होना सुनिश्चित किया जाए। #DelhiNeedsWomenPoliceStation
यह जानकारी भी रिचा जी से ही मिली, पहले होने वाली ‘थाना लेवल कमिटी’ जिस में नागरिकों को शामिल किया जाता था, वह अब नहीं बनायीं जाती हैं। उनकी पांचवीं मांग इन थाना लेवल कमिटी का पुनः निर्माण जल्द से जल्द किया जाना है।
आप महिला शक्ति के इन सुझावों को लेकर गृहमंत्री को दिए गए अपने ज्ञापन से विंग की प्रेसिडेंट काफी आश्न्वित हैं, क्योंकि यह कोई नयी या ऐसी व्यवस्था आदि की मांग नहीं है जो देश में कहीं लागू नहीं हो। उन्होंने गृहमंत्री द्वारा इसका संज्ञान अवश्य लिए जाने की उम्मीद जताई।
चौंकाने वाली बात है — पुलिस अनुसन्धान एवं विकास ब्यूरो की 1.1.2015 की रिपोर्ट के अनुसार जहाँ देश में 535 के करीब महिला थाने हैं, दिल्ली में एक भी थाना, महिला थाना नहीं है! #DelhiNeedsWomenPoliceStation
दिल्ली देश में महिला थानों की संख्यानुसार जीरो थानों के साथ अंतिम स्थान पर है
STATES/UTs-WISE NUMBER OF WOMEN POLICE STATIONS AND THEIR LOCATIONS-AS ON 1.1.2015 (Source: Bureau of Police Research & Development) |
इस गंभीर समस्या को महिला शक्ति प्रेसिडेंट ने गृहमंत्री को दिए ज्ञापन में उठाया है। उनके अनुसार 2013 के आसपास दिल्ली का एकलौते महिला थाना ‘मोरिस नगर’ भी, महिला थाना नहीं रहा है। पहली मांग है : दिल्ली में महिला थानों की स्थापना की जाए। #DelhiNeedsWomenPoliceStation
STATES/UTs WISE ACTUAL STRENGTH OF WOMEN POLICE (RANK- WISE) AS ON 1.1.2015 (Source: Bureau of Police Research & Development) |
उनका दूसरा सुझाव: दिल्ली पुलिस में महिला पुलिस की नियुक्ति बढ़ाई जाए और 2016 में NCW की दिल्ली पुलिस में 33% महिला आरक्षण की सलाह को लागू किया जाए। #DelhiNeedsWomenPoliceStation
इसके अलावा, दिल्ली में 17 लोगों की स्पेशल टास्क फ़ोर्स जिसके चेयरमैन एलजी है, का निर्माण हुआ था, और जिसकी सदस्य DCW चेयरमैन स्वाती मालीवाल भी हैं, टास्क फ़ोर्स के निर्माण के समय से ही यह बात उठती रही है, कि इसमें केंद्र व राज्य सरकार का एक-एक प्रतिनिधि भी होना चाहिए, ताकी सम्बंधित मामलों में वह अपनी राय भी रख सके। अतः स्पेशल टास्क फोर्स को और ज़्यादा पारदर्शी बनाया जाए ।
दिल्ली के विभिन्न थानों में नियुक्त महिला पुलिस की पद-सहित संख्या की जानकारी होना, ऋचा का मानना है, यह जानकारी रिपोर्ट आदि दर्ज किये जाते समय बेहद आवश्यक भूमिका निभा सकती है। महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध के मामले में स्पीडी ट्रायल होना सुनिश्चित किया जाए। #DelhiNeedsWomenPoliceStation
यह जानकारी भी रिचा जी से ही मिली, पहले होने वाली ‘थाना लेवल कमिटी’ जिस में नागरिकों को शामिल किया जाता था, वह अब नहीं बनायीं जाती हैं। उनकी पांचवीं मांग इन थाना लेवल कमिटी का पुनः निर्माण जल्द से जल्द किया जाना है।
आप महिला शक्ति के इन सुझावों को लेकर गृहमंत्री को दिए गए अपने ज्ञापन से विंग की प्रेसिडेंट काफी आश्न्वित हैं, क्योंकि यह कोई नयी या ऐसी व्यवस्था आदि की मांग नहीं है जो देश में कहीं लागू नहीं हो। उन्होंने गृहमंत्री द्वारा इसका संज्ञान अवश्य लिए जाने की उम्मीद जताई।
- भरत तिवारी
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