विश्व हिन्दी दिवस — अशोक चक्रधर



चौं रे चम्पू!

—अशोक चक्रधर

                                       
चौं रे चम्पू! बिस्व हिन्दी दिवस के भौत कारकिरम है रए हुंगे आज? 
नहीं चचा, दिल्ली में एक ही कार्यक्रम होता है, जो विदेश मंत्रालय कराता है। दस जनवरी सन उन्नीस सौ पिचहत्तर में पहला विश्व हिन्दी सम्मलेन, नागपुर में हुआ था, इसीलिए ये तिथि निर्धारित हुई। वैसे, हिन्दी दिवस चौदह सितम्बर को होता ही है। आप जानते हैं, देश भर में मनाते हैं।

जे का बात भई?
वह समय भी आएगा चचा, जब विश्व हिंदी दिवस अपने देश में भी धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिवस का उद्देश्य है, सारे भारतीय दूतावासों में विदेशियों के साथ विश्वभाषा हिन्दी को उत्सवधर्मी बनाना और हिन्दी का संवर्द्धन करना। दुनिया यह दिवस मनाएगी तभी हमारे देश में लहर आएगी। देखिए, आज लगभग एक सौ तीस देशों में किसी ने किसी स्तर पर हिन्दी पढ़ाई जाती है। विदेशी युवा हमारे यहां हिंदी सीखने आते हैं। मैं बारह वर्ष से ‘विश्व हिन्दी दिवस’ के कार्यक्रमों में जा रहा हूं। केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा से विदेशी छात्र आते हैं, हिंदी गीत गाते हैं, गीतों पर नाचते हैं और अपनी अनोखी अनुभव-गाथाएं सुनाते हैं कि हिन्दी क्यों सीखना चाहते हैं। मुझे याद है कि ब्राजील की एक बालिका मर्सिया ने बताया था, ‘मैं इसलिए नहीं सीख रही कि यहां मेरा कोई भारतीय प्रेमी या पति है, या मैं कोई कारोबारी हूं, या अपने देश में सरकारी पद पाना चाहती हूं। ऐसे कारण भी तो हो सकते हैं जो आपकी समझ में आ ही नहीं सकते, क्योंकि, आपको अपनी भाषा के गुण नहीं मालूम। ये किसी विदेशी को ही मालूम पड़ सकते हैं कि आपकी भाषा की ध्वनियां कितनी मधुर हैं। आपकी लिपि कितनी सुन्दर है। भाषा की सुन्दरता तो उसको सीखे बिना, समझे बिना महसूस नहीं की जा सकती। अनुवाद से बात बनती नहीं है, क्योंकि जिस भाषा में कोई बात कही जाती है उसकी संस्कृति और उसका व्यवहार उसी भाषा से ही जाना जा सकता है, इसलिए मैं सीख रही हूं, हिन्दी।’ चचा, आज शाम को समारोह में दुनियाभर के बालक हिन्दी बोलेंगे। आप सुनें तो उनके उच्चारण और उनकी भावनाओं पर मुग्ध हो जाएंगे!

तौ लै चल हमैंऊं!  


(ये लेखक के अपने विचार हैं।)
००००००००००००००००

एक टिप्पणी भेजें

3 टिप्पणियाँ

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन विश्व हिन्दी दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह ! कितने अनोखे अंदाज में विश्व हिंदी दिवस की जानकारी और महत्व को बताया गया है, जय हिन्द, जय हिंदी !

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बढ़िया। शुभकामनायें ...

    जवाब देंहटाएं

ये पढ़ी हैं आपने?

मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
कहानी ... प्लीज मम्मी, किल मी ! - प्रेम भारद्वाज
वैनिला आइसक्रीम और चॉकलेट सॉस - अचला बंसल की कहानी
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
दमनक जहानाबादी की विफल-गाथा — गीताश्री की नई कहानी
Hindi Story: कोई रिश्ता ना होगा तब — नीलिमा शर्मा की कहानी
ब्रिटेन में हिन्दी कविता कार्यशाला - तेजेंद्र शर्मा
दो कवितायेँ - वत्सला पाण्डेय