मलय जैन भाई का लेखन इतना परिपक्व है कि बार-बार पढ़ा जा सकता है. 'जय हिंदी' बोलते हुए पढ़िए उनका ताज़ा क़रारा व्यंग्य! ~ सं०
व्यंग्य बारूद भाई की फ्रेंड रिक्वेस्ट और फुस्स प्रोफ़ाइल मलय जैन जन-जन की भांति मैं भी सुबह आंख पूरी खुलने से पहले चौखटा बही खोल बैठा हूँ और जो…
गो टू हेल का मतलब क्या होता है हिंदी में और चर्चित मीडियाकर्मी कलाप्रेमी प्रकाश के रे का बाल की खाल उधाड़ना... दुनियाभर की धार्मिक व्यवस्थ…
हंस नवम्बर' 18 में प्रकाशित शालिगराम की नतबहू — मलय जैन, ऊंचाई ठीक-ठाक, रंग कन्हैया को मात देता और बचपन में निकली बड़ी माता से चेहरा छप्…
सियासी धुंधलके को हटाना ‘पायजामें में नाड़ा डालने’ जैसा नहीं हैं। न ही बापू की तरह बैठ कर चरखा चलाने सरीखा बल्कि कंजूस की गांठ से पैसा निकालने-…
जय माता दी! जो इसे शेयर नहीं करेगा उसकी ट्यूब लाइट लुपलुपाती रहेगी। दिमाग़ की बन्द बत्ती खोलने के इस आसान तरीके का फायदा उठाने से न चूकें! …
भाषाएं कैसे क़रीब आएंगी ― अशोक चक्रधर चौं रे चम्पू एक जान दो ज़बान —अशोक चक्रधर …
चौं रे चम्पू! —अशोक चक्रधर चौं रे चम्पू! बिस्व हिन्दी दिवस के भौत कारकिरम है रए हुंगे आज? …
करी ख़ुदकशी युवा कृषक ने, रुदन भरी तेरहवीं, पंच मौन थे ग्राम-सभा के, हुई न गहमागहमी। देना मोल फसल का सारा। प्यारे, तेरह प…
नेटवर्क फेल हो जायेगा, विश करोगे कब ~ रघुवंश मणि इस गैरलेखक और गैरविचारक दौर में सोचिये तो बहुत से भय लगे रहते हैं, जिनकी चर्चा में लग ज…
चौं रे चम्पू! —अशोक चक्रधर चौं रे चम्पू! नए साल ते का उम्मीद ऐ तेरी? साल तो पलक झपकते बी…
Har Har Modi Jai Jai Modi Sadhavi Khosla #हर_हर_मोदी !!! (हिंदी में पढ़ें) Three years ago, the people of India selected Narend…