व्यंग्य हर हर मोदी! ... साध्वी खोसला अनुवादक : भरत तिवारी Har Har Modi !!! (read in English) मोदी सरकार की कृपा से आ…
उम्र भर लेखन करने के बाद हम लेखकों को दारूखोरा गाली कतई सहन नहीं है — कृष्णा सोबती व्यंग्य हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली ज़िन्दाबाद…
साहित्य एक समोसा — सुधीश पचौरी मैं देख रहा था कि साहित्य का अंत हो रहा है और उसका चिर सखा समोसा कोने में पड़ा रो रहा है। मुझे पता था कि…
Bhagat Ki Gat ( Environment Noise Pollution, a story) — Harishankar Parsai Environment Noise Pollution, a story उस दिन जब भगतजी क…
बिल्लियो मूंछें झुकाओ! — अशोक चक्रधर चौं रे चम्पू! सराबबंदी ते कोई असर परौ? हर पाबंदी, …
साहित्यकारों में फैले अजनबीपन, अकेलेपन, आत्म-निर्वासन, अवसाद, आत्म-संघर्ष, वर्ग-संघर्ष, चिड़चिड़ेपन और गाली-गलौज आदि सब व्याधियों से मुक्ति दिल…
दी और दा हिंदी में एक ऐसा ‘लिटररी स्फीयर’ बनाते हैं कि उसकी फॉर्म कुछ होती है, और कंटेंट कुछ और होता है 😂 — सुधीश पचौरी …
साहित्य विरोध कुलभूषण — सुधीश पचौरी जिस साहित्यकार का कोई नाम लेवा, पानी देवा नहीं होता, ये हमलावर उसे इतना बड़ा बनवा द…
अगर आप अपने राष्ट्र से प्रेम करते हैं तो यह जरूर देखें Kunal Kamra शब्दांकन Shabdankan ▲▲ लाइक कीजिये अ…
रघुवंशमणि का पैना व्यंग्य ! राष्ट्रधर्म -रघुवंशमणि (राज)नीति कथाएं …
अतिथि! तुम कब जाओगे शरद जोशी तुम्हारे आने के चौथे दिन, बार-बार यह प्रश्न मेरे मन में उमड़ रहा है, तुम कब जाओगे अतिथि! तुम कब घर से न…
...आपका घोड़ा ऐंड़ता हुआ पड़ौसी के खेत में चराई करने लगे तब तो दूसरे की आज़ादी का हनन हो जाएगा। अपने घोड़े को अस्तबल में बांधकर नहीं रखा तो पड़ौसी आप…
क्या आप हिंदी साहित्यजगत से किसी भी प्रकार से जुड़े हैं? यदि आप का जवाब हाँ है तो अनंत विजय का यह लेख आपके लिए ही है... और अगर नहीं जुड़े हैं तो…
मामला हार-जीत का है ही नहीं। स्त्री द्वारा पुरुष के सामने अपने अस्तित्व की रक्षा करने का है — अशोक चक्रधर — चौं रे चम्पू! औरत सनी द…
व्यंग —घोड़ा की टांग पे, जो मारा हथौड़ा Arifa Aris' satire बचपन में गाय पर निबन्ध लिखा था। दो बिल्ली के झगड़े में बन्दर का न्…
मौन की राष्ट्रभाषा —अशोक चक्रधर मीडिया शाश्वत सजीव पेटू है, जिसे चौबीस घंटे भोजन चाहिए — चौं रे चम्पू! हरियाना और जेएनयू पै इत…