Book Review: गली क़ासिम जान | ज़िन्दगीनामा मिर्ज़ा ग़ालिब — विनोद भारद्वाज (जयपुर)


गली क़ासिम जान | ज़िन्दगीनामा मिर्ज़ा ग़ालिब

— विनोद भारद्वाज (जयपुर)


गली क़ासिम जान | ज़िन्दगीनामा मिर्ज़ा ग़ालिब
वरिष्ठ आलोचक श्री रवीन्द्र त्रिपाठी 31 मई की शाम 6 बजे, #शब्दांकन_फेसबुक_लाइव कार्यक्रम 'एक पुस्तक पर पाँच मिनट' में लेखक एवं पत्रकार श्री विनोद भारद्वाज की किताब 'गली क़ासिम जान', ज़िन्दगीनामा मिर्ज़ा ग़ालिब पर. प्रस्तुति भरत एस तिवारी
Posted by शब्दांकन Shabdankan on Sunday, 31 May 2020
००००००००००००००००




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

इरफ़ान ख़ान, गहरी आंखों और समंदर-सी प्रतिभा वाला कलाकार  — यूनुस ख़ान
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
ट्विटर: तस्वीर नहीं, बेटी के साथ क्या हुआ यह देखें — डॉ  शशि थरूर  | Restore Rahul Gandhi’s Twitter account - Shashi Tharoor
Hindi Story: दादी माँ — शिवप्रसाद सिंह की कहानी | Dadi Maa By Shivprasad Singh
कहानी ... प्लीज मम्मी, किल मी ! - प्रेम भारद्वाज
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
मन्नू भंडारी की कहानी — 'रानी माँ का चबूतरा' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Rani Maa ka Chabutra'
Hindi Story: बुकमार्क्स — शालू 'अनंत'
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान