विशाख ने गंगा की लहरों में अम्मा को सौंप दिया, पर स्मृतियों की धाराएँ अब भी मन के तटों से टकरा रही थीं। प्रस्तुति के शब्दों ने तर्क दिया, मगर विशाख …
आगे पढ़ें »सम्राट अशोक का नरक – बोधिसत्व कोई भी सम्राट प्रजा के दुःख का पाता है हिस्सा भले ही न दिखें वह रोते लेकिन वह जागरण से अधिक रोता है जागत…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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