बेहिसाब बारिश आजाओ न कभी यूँ ही शत बार प्राण पुकारते मेरा द्वार छोड़ के कि तेरे दिल कि सदा फिर याद आई खुद को खूं में तर बतर कर दूँ मै जा…
बाजों के फिर मुंह लगा ,इक चिडिया का खून | लेकिन पूरे देश में ,जागा एक जुनून || फिर चिड़िया की ज़िन्दगी ,लूट ले गए बाज | पहरेदारों को मगर , जरा …
कि सुखनवरों का खून क्यूँ कर ठण्डा हो गया है दर्द अंगड़ाई नहीं लेता ये क्या हो गया है ? क़त्ल या हो कोई बे-आबरू तुम्हें क्या मतलब ? ए खुदा तू ही…