बाजों के फिर मुंह लगा ,इक चिडिया का खून |
 लेकिन पूरे देश में ,जागा एक जुनून ||
 फिर चिड़िया की ज़िन्दगी ,लूट ले गए बाज |
 पहरेदारों को मगर , जरा न आई लाज |
 जरा न आई लाज , लिए फंदा कानूनी |
 चाहें सारे लोग , मरें वहशी ये खूनी |
 जागा पूरा देश , करे चिंता बिटिया की |
 रहे सुरक्षित जान ,देश की हर चिड़िया की ||
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डॉ अजय जनमेजय | 


1 टिप्पणियाँ
बहुत खूब
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