राजिंदर अरोड़ा की कविता 'डिजिटल कुंभ की संभावनाएँ' आपसे पूछ रही है, क्या इस युग में पानी भी डिजिटल हो सकता है। शब्दांकन पर पढ़ें यह खूब…
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Vandana Rag
हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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