हमें रोकना है लेकिन क्या रोकना है ? ~ अनुपमा तिवाड़ी अब सत्ता की जय – जय गाने वाले तो बेचारे दया के पात्र हैं जो राजा की जय – जयकार गा कर ह…
आगे पढ़ें »8 अक्टूबर को दिल्ली में 'वर्तमान साहित्य' के संपादक और पूर्व कुलपति अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा , पूर्व महा-निदेशक उ०प्र० प…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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