काश कि पहले लिखी जातीं ये कविताएं - प्रियदर्शन एक वह एक उजली नाव थी जो गहरे आसमान में तैर रही थी चांदनी की झिलमिल पतवार लेकर कोई ता…
शब्दांकन Shabdankan