कहानी की समीक्षा कैसे करें | तंत्र और आलोचना — रोहिणी अग्रवाल ‘तेरह नंबर वाली फायर ब्रिगेड‘ रोहिणी अग्रवाल महर्षि दयानंद विश्…
लेखन सोच से उपजता है। किसी की सोच, किस तरह के विचार, अनुभव से गुजरती है, और किस तरह कोई उन विचारों, अनुभवों को शब्द दे पाता है, वही उसकी लेखन-क…
चित्रा मुद्गल को उपन्यास पोस्ट बॉक्स नं.203-नाला सोपारा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार ममता कालिया स्त्रीविमर्श की हर सफेदपोश पुरोधा को ज़र…
उन कुंठाहीन हिंदी-कर्मी द्विभाषी या त्रिभाषी बालकों और युवाओं का अभिनंदन करता हूं जो हिंदी के सारथी हैं — अशोक चक्रधर हिंदी-सेवी या हिंदी-कर…
तेरी कमीज़ मेरी कमीज़ से मैली कैसे ... हिंदी साहित्य में यही होड़ लगी हुई है, शब्दवीर साहित्य से इतर सब कुछ कर रहे हैं. एक किस्सा है — एक महिला न…
खुद को स्थापित करने की होड़ — अनंत विजय लेख से लेकर कविता तक, उपन्यास से लेकर कहानी तक हर जगह और हर विधा में प्रशंसाकामी लेखक आपको …
Padtal Prem Kahaniyon ki — Rohini Aggarwal चुप्पी में पगे शुभाशीष बनाम पचास साल का अंतराल और प्रेम को रौंदती आक्रामकता — रोहिणी अग्रवाल…
Kautuhal se Aatmasakshatkar tak faila Kahani ka Vitaan — Rohini Agrawal हिंदी साहित्यिक कहानी के अवयवों को आधुनिक दृष्टि से दोबारा प…