बेचैन रूह का मुसाफिर - 1 रवीन्द्र कालिया संस्मरण वरिष्ठ कथाकार रवीन्द्र कालिया अपने संस्मरण के लिए भी कम प्रसिद्ध नहीं हैं । उनकी अप्…
साहित्य अकादमी इतनी छोटी कब से हो गयी कि उसके खैरख्वाहों ने पुरस्कार लौटाने वालों से इससे जुड़े यश और अर्थ का हिसाब माँगना शुरू कर दिया? ~ व…
तितलियों का शोर हरिओम मेरा नाम रघुवंश है और मेरी पत्नी का मीना। मैं एक सरकारी मुलाज़िम हूँ जबकि मीना एक कालेज में पढ़ाती है। हम सरकारी काल…
Pankaj Rag dilli shahar dar... Pankaj Rag (Photo: Bharat Tiwari) शहर दर शहर - पंकज राग खुश हो लें कि आप दिल्ली में हैं खुश हो ल…
हमें रोकना है लेकिन क्या रोकना है ? ~ अनुपमा तिवाड़ी अब सत्ता की जय – जय गाने वाले तो बेचारे दया के पात्र हैं जो राजा की जय – जयकार गा कर ह…
लेखकीय असहिष्णुता पर सवाल ~ अनंत विजय आलोचनात्मक टिप्पणी करनेवाले और रचनाकार के बीच बातचीत बंद हो जाना तो आम बात है …
Meeting in memory of Rajendra Yadav Ji October 28, 2015, Sahitya Akademi Sabhagar 28 अक्टूबर, साहित्य अकादमी सभागार, शाम 5 बजे। आप सब …