सत्ताएं सिर्फ केंचुल बदलती हैं, जहर भरपूर रहता हैं प्रेम भारद्वाज हम सब हैदर ‘वह कराहता है जैसे कुटते वक्त धान वह कराहता है जैसे सोन…
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Vandana Rag
हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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